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बोफोर्स मामला: सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई के लिए याचिका दायर

64 करोड़ रुपए के बोफोर्स दलाली मामले की जल्द सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है

Bhasha

राजनीतिक रूप से संवेदनशील 64 करोड़ रुपए के बोफोर्स दलाली मामले की जल्द सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है.

यह आवेदन उस वक्त दायर किया गया है जब एक मीडिया रिपोर्ट में साल 1986 के 1,437 करोड़ रुपए के होवित्जर तोप सौदे के लिए वित्तीय लाभ पहुंचाने और हासिल करने की बात कही गई है.


बीजेपी नेता और वकील अजय अग्रवाल की ओर से दायर याचिका में सीबीआई की आरोपियों के साथ कथित तौर पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि जांच एजेंसी ने 31 मई, 2005 के दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती नहीं दी जिसमें यूरोप में रह रहे हिंदुजा बंधुओं के खिलाफ लगे सभी आरोपों को खारिज किया गया था.

हाई कोर्ट के फैसले को दी चुनौती

अग्रवाल ने हाई कोर्ट के इस फैसले को चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट ने 18 अक्टूबर, 2005 को उनकी उस याचिका को सुनवाई के लिए स्वीकार किया था जिसे सीबीआई द्वारा हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील नहीं किए जाने के बाद दायर किया गया था.

अपने आवेदन में अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने जनहित में अपील दायर की है क्योंकि सीबीआई आगे नहीं आई और यह कहा गया कि कानून मंत्रालय से एजेंसी को अनुमति नहीं दी गई, जबकि हाई कोर्ट का आदेश गैरकानूनी था.

सीबीआई और आरोपियों के बीच कथित मिलीभगत के आरोप को ठोस बनाने के प्रयास के तहत अग्रवाल ने अपने आवेदन में उस पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार ब्यौरा दिया जिसके चलते इतालवी कारोबारी ओत्तावियो क्वात्रोच्ची के लंदन स्थित बैंक खाते पर 2006 में रोक लगा दी गई थी और इसके लिए तत्कालीन सॉलीसीटर जनरल बी दत्ता इंग्लैंड गए थे. क्वात्रोच्ची इस मामले में कथित बिचौलिया था.

अग्रवाल ने कहा कि इस तरह का कदम तब उठाया गया जबकि तत्कालीन यूपीए सरकार और सीबीआई जानते थे कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील स्वीकार कर ली है.

लोकसभा चुनाव में रायबरेली से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले अग्रवाल ने यह भी दावा किया कि सीबीआई ने खातों पर रोक लगाने के कदम के बारे में मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट को सूचित करने की जहमत नहीं उठाई.