view all

शिवसेना को समर्थन पर कांग्रेस में दरार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुरुदास कामत ने शिवसेना को समर्थन देने पर किया कड़ा विरोध

IANS

मुबंई नगर निगम नतीजों में शिवसेना को समर्थन देने पर कांग्रेस में गंभीर मतभेद उभरकर सामने आया है. शिवसेना के उम्मीदवार को मुंबई का महापौर बनने के लिए कांग्रेस समर्थन कर रही थी. लेकिन अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव गुरुदास कामत ने इसका 'कड़ा विरोध' जताया है.

कामत ने कहा, ‘हम दोनों भगवा पार्टियों से उनकी विभाजनकारी नीतियों के खिलाफ लड़ते रहे हैं. अगर हमने उनके साथ गठबंधन का प्रयास किया तो जनता हमें कभी माफ नहीं करेगी’.


शिवसेना के समर्थन का कड़ा विरोध

पूर्व केंद्रीय मंत्री कामत ने कहा, ‘मैंने अपनी राय से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को भी अवगत करा दिया है. बीएमसी में शिवसेना के समर्थन के लिए मैं किसी भी चर्चा का कड़ा विरोध जताता हूं, चाहे वह गठबंधन के लिए हो या अप्रत्यक्ष समर्थन के लिए हो’.

उन्होंने कहा कि, ‘शिवसेना और बीजेपी अपनी समस्याओं का समाधान खुद करें. इस प्रक्रिया में दोनों दलों की सत्ता के लिए उनकी भूख को बेनकाब किया जाए’.

कामत का विरोध ऐसे समय में सामने आया है, जब शिवसेना को समर्थन देने के लिए कांग्रेस ने कथित तौर पर चर्चा की.

वहीं, कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष अशोक चव्हाण और पार्टी के वरिष्ठ नेता नारायण राणे इस मुद्दे पर पहले ही अपनी राय जाहिर कर चुके हैं.

चव्हाण ने कहा, ‘क्या शिवसेना कोई शत्रु है? नहीं, राजनीति में कोई शत्रु नहीं होता, यह मेरा विचार है’. हालांकि उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसी चीज का वादा नहीं कर रही है. हम आगे के घटनाक्रम पर पैनी नजर बनाए हुए है.

महाराष्ट्र के के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा, ‘हमें यह बात ध्यान में रखनी होगी कि शिवसेना का बीजेपी के साथ महाराष्ट्र और केंद्र में भी गठबंधन है. अगर वह सरकार से बाहर निकलते हैं, तो हम आगे विचार कर सकते हैं. पहले उन्हें तय करने दीजिए.’

बीएमसी चुनाव के नतीजों में शिवसेना 84 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. जबकि, बीजेपी ने इससे मात्र दो सीटें कम यानी 82 सीटों पर जीत दर्ज की है.

कांग्रेस 31 सीटें जीतकर तीसरे स्थान पर है, जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने नौ, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने सात, समाजवादी पार्टी ने छह सीटें जीती हैं. ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ने दो सीटें, एक स्थानीय पार्टी ने एक सीट, जबकि निर्दलीयों ने पांच सीटें जीती हैं.

शिवसेना को चार निर्दलीय पार्षदों का भी समर्थन है, जिनके नामों की घोषणा कर दी गई है. वहीं बीजेपी भी चार निर्दलीय पार्षदों के समर्थन का दावा कर रही है, जिनके नामों का अभी खुलासा नहीं हुआ है.