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मिशन 2019: प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए माहौल बनाने की कोशिश, हर सवाल का जवाब देंगे बीजेपी के नेता

दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद पार्टी अब रामलीला मैदान से निकले संदेश को देश के कोने-कोने में पहुंचाने की तैयारी कर रही है.

Amitesh

दिल्ली के रामलीला मैदान में हुई बीजेपी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के बाद पार्टी अब रामलीला मैदान से निकले संदेश को देश के कोने-कोने में पहुंचाने की तैयारी कर रही है. 31 जनवरी से संसद का सत्र शुरू हो रहा है जो कि मौजूदा सरकार का आखिरी सत्र होगा. ऐसे में पार्टी की तैयारी सत्र की शुरुआत से ठीक पहले अपनी सरकार की बड़ी उपलब्धियों के साथ-साथ मोदी-शाह के संदेश को आम लोगों तक पहुंचाने की है.

बीजेपी 19 जनवरी तक बीजेपी की तरफ से देश भर के 50 शहरों में प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार के ऐतिहासिक फैसलों को जनता तक पहुंचाने की कोशिश करेगी. मोदी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों, पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के अलावा अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी मैदान में उतरने वाले हैं.


यूपी के लोकसभा चुनाव प्रभारी केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा लखनऊ, बीजेपी महासचिव राम माधव जम्मू, महासचिव अरुण सिंह बनारस, अनिल जैन आगरा में रहेंगे. इसके अलावा केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, प्रकाश जावडेकर, थावरचंद गहलोत, जितेंद्र सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत, राज्यवर्धन राठौड़ और स्मृति ईरानी समेत और कई केंद्रीय मंत्री देश के अलग-अलग शहरों में प्रेस कांफ्रेंस करते नजर आएंगे.

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यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणनवीस, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी प्रेस कांफ्रेंस कर मोदी सरकार की योजनाओं और हाल ही में खत्म हुए शीतकालीन सत्र में पास हुए बिल से जनता को अवगत कराने की कोशिश करेंगे.

दरअसल, 11 और 12 जनवरी को दिल्ली में हुई राष्ट्रीय परिषद की बैठक में भी गरीब सवर्णों के आरक्षण का मुद्दा छाया रहा. शीतकालीन सत्र में पास हुए सामान्य वर्ग के गरीब तबके को दस फीसदी आरक्षण दिलाने वाले बिल के बारे में प्रधानमंत्री मोदी से लेकर पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने बार-बार यह बताने की कोशिश की थी कि एससी-एसटी और पिछड़े तबके के लोगों को पहले से मिल रहे आरक्षण में बिना किसी छेड़छाड़ की यह नई व्यवस्था बहाल की गई है.

दूसरी तरफ, छोटे व्यापारियों को भी जीएसटी से निजात दिलाने के सरकार के फैसले पर भी चर्चा खूब हुई. अब बीजेपी चाहती है कि इन सभी मुद्दों पर देश के हर शहरों तक यह जानकारी पहुंचाकर विपक्ष की धार को कम किया जा सके. पार्टी की 50 प्रेस कांफ्रेंस करने की योजना संसद के आखिरी सत्र से पहले माहौल को बीजेपी के पक्ष में बनाने की है.

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हालांकि इसके पहले भी बीजेपी ने अभी कुछ दिन पहले देश के 70 शहरों में प्रेस कांफ्रेंस कर राफेल मुद्दे पर विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की कोशिश की. सुप्रीम कोर्ट के राफेल पर आए फैसले के बाद बीजेपी ने इस मुद्दे पर यह दिखाने की कोशिश की थी कि कैसे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आधारहीन आरोप लगा रहे हैं. अब एक बार फिर देश भर में प्रेस कांफ्रेंस कर पार्टी उसी तरह का माहौल बनाने की तैयारी में है.