उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जबरदस्त जीत हासिल करने के बाद बीजेपी की नजर अब स्थानीय निकाय चुनावों पर है. पार्टी के भीतर के लोगों का कहना है कि यूपी के आगामी निकाय चुनावों में एमसीडी की तर्ज पर रणनीति अपनाई जा सकती है.
दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय के मुताबिक 270 सीटों में से 262 सीटों पर टिकट नए चेहरों को दिए गए. दिल्ली में नवनिर्वाचित पाषर्दों की औसत आयु 39 वर्ष है. जबकि, सबसे कम उम्र का पार्षद 25 वर्ष का है.
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनावों की तैयारियों से जुड़े एक बीजेपी नेता ने कहा कि पार्टी ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. युवाओं को तरजीह मिलेगी. यहां भी एमसीडी चुनाव की रणनीति अपनाई जा सकती है.
उन्होंने कहा कि एमसीडी की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी उन पाषर्दों को संभवत: इस बार टिकट न दिया जाए, जो पिछले कई चुनाव जीतते चले आ रहे हैं.
दिल्ली फॉर्मूले पर यूपी में टिकट वितरण गलत हो सकता है
बीजेपी के एक अन्य नेता ने कहा कि उत्तर प्रदेश सीटों के मामले में दिल्ली से काफी बड़ा है इसलिए दिल्ली फॉर्मूले के साथ-साथ ऐसे पार्टी कार्यकर्ताओं को भी टिकट दिए जाएंगे, जिनकी अपने वार्ड में अच्छी छवि है.
एमसीडी चुनाव में बीजेपी ने तीनों निगमों को मिलाकर कुल 184 सीटों पर जीत दर्ज की. आम आदमी पार्टी 46 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही. जबकि, कांग्रेस को मात्र 30 सीटें ही मिल पाईं.
उत्तर प्रदेश के 2012 निकाय चुूनावों में मेयर पद के लिए 12 शहरों में चुनाव हुए. इनमें से बीजेपी ने दस सीटें जीतीं जबकि, दो सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गईं. इस बार 14 शहरों में मेयर के चुनाव होने हैं.
बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय चुनाव हमारे लिए महत्वपूर्ण हैं. पार्टी अपने उम्मीदवारों की जीत पक्का करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी.