पश्चिम बंगाल में रथयात्रा निकालने से रोके जाने के खिलाफ बीजेपी की दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. सोमवार को कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए इसकी अगली तारीख 15 जनवरी दी है.
इससे पहले बीजेपी की राज्य इकाई ने कलकत्ता हाईकोर्ट के सुनाए निर्णय के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंचकर इस पर जल्द सुनवाई की मांग की थी. जिससे कोर्ट ने इनकार कर दिया था.
पश्चिम बंगाल में BJP ने 3 रथयात्रा निकालने की योजना बनाई थी
दरअसल बीजेपी ने दिसंबर 2018 की शुरुआत में राज्य में 3 अलग-अलग हिस्सों में रथयात्रा निकालने की योजना बनाई थी. इनमें से एक यात्रा कूचबिहार के एक मंदिर से शुरू होनी थी, दूसरी यात्रा दक्षिण 24 परगना जिले के सागर से शुरू होना थी, जबकि तीसरी यात्रा बीरभूम जिले में स्थित तारापीठ से शुरू होना थी. पहली रथयात्रा 7 दिसंबर से तो दूसरी 9 दिसंबर और तीसरी 14 दिसंबर से निकाली जानी थी.
बीजेपी की तीनों रथयात्राओं को राज्य की सभी 42 लोकसभा सीटों और 294 विधानसभा क्षेत्रों से होकर कोलकाता में खत्म होना था. जहां एक विशाल जनसभा के आयोजन का कार्यक्रम प्रस्तावित था. लेकिन इस प्रस्तावित रथयात्रा पर पश्चिम बंगाल सरकार ने कानून व्यवस्था बिगड़ने और तनाव फैलने का हवाला देते हुए रोक लगा दी थी.
सरकार के इस आदेश के खिलाफ बीजेपी कलकत्ता हाईकोर्ट चली गई थी. जिसमें अदालत की सिंगल जज बेंच ने ममता बनर्जी सरकार के फैसले को अमान्य करार देते हुए पार्टी की प्रस्तावित रथयात्रा को हरी झंडी दी थी.
कोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ ममता सरकार बिना देर किए दोबारा हाईकोर्ट पहुंची. इस पर शुक्रवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सिंगल बेंच के फैसले पर स्टे ऑर्डर लगा दिया था. यानी बीजेपी की रथयात्रा पर राज्य सरकार के रोक के फैसले को बरकरार रखा था.