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बीजेपी से निष्कासित सांसद कीर्ति आजाद ने थामा कांग्रेस का हाथ, ट्वीट कर दी जानकारी

कीर्ति आजाद को कांग्रेस की सदस्यता पहले ही लेनी थी लेकिन पुलवामा में आतंकी हमले के बाद उन्होंने इस कार्यक्रम को आगे बढ़ा दिया था

FP Staff

बीजेपी से निष्कासित सांसद कीर्ति आजाद ने सोमवार यानी आज कांग्रेस का हाथ थाम लिया. उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की उपस्थिति में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. बता दें कि कीर्ति आजाद को कांग्रेस की सदस्यता पहले ही लेनी थी लेकिन पुलवामा में आतंकी हमले के बाद उन्होंने इस कार्यक्रम को आगे बढ़ा दिया था. अब 18 फरवरी यानी आज उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन किया. इस बात की जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी थी.

बता दें कि आज सुबह कीर्ति आजाद ने ट्वीट कर जानकारी दी कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुझे कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कराई. मैंने मिथिला की परंपरा में उनको मखाना की माला, पाग, चादर से सम्मानित किया. बाद में कीर्ति आजाद इस बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए हमारे सैनिकों के सम्मान में कांग्रेस में अब मैं ज्वाइनिंग अब 18 को होगी. शहीदों के लिए तीन दिनों का शोक मनाया जाएगा. कोई व्यक्ति या पार्टी देश से बढ़कर नहीं हो सकती और सैनिकों की शहादत पूजनीय है उनके सम्मान में यह निर्णय लिया गया.

बता दें कि कीर्ति आजाद दरभंगा से सांसद हैं. वो तीन बार से दरभंगा के सांसद बनते रहे हैं. पार्टी विरोधी बयानबाजी की वजह से उनको बीजेपी ने कुछ दिनों पहले ही पार्टी से निकाल दिया था, जिसके बाद से ही माना जा रहा था कि वह कांग्रेस का हाथ थामेंगे. कीर्ति अपने विवादित बयानों के चलते अधिकतर सुर्खियों में बने रहते हैं.

कीर्ति आजाद ने डीडीसीए में घोटाले का आरोप लगाकर वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भी निशाना साधा था. अपनी पार्टी के सांसद की ओर से वित्त मंत्री पर आरोप लगाए जाने से बीजेपी की काफी किरकिरी हो रही थी. इसी कारण बीजेपी ने कीर्ति आजाद को निलंबित कर दिया था. वहीं इस मामले में कीर्ति आजाद के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी खड़े थे. दोनों ही के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया गया था. दो दिन पहले ही केजरीवाल और सांसद बने कीर्ति आजाद ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया था कि वे क्रिकेट निकाय दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के खिलाफ अपने बयान वापस ले रहे हैं और संस्था के साथ मानहानि के मामले को आपस में सुलझा रहे हैं.