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मेरे चरित्र विकास में सहायक रहा है आरएसएस: लालकृष्ण आडवाणी

'संघ नि:स्वार्थ भाव, ईमानदारी और प्रामाणिकता के साथ आर्दश व्यक्तित्व का निर्माण करता है'

Bhasha


बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवाणी ने कहा है कि, 'आरएसएस से उन्होंने बहुत सी चीजें सीखी हैं जो उनके चरित्र निर्माण के विकास में मददगार साबित हुई.'

राजस्थान के सिरोही जिले के आबू रोड पर मौजूद ब्रह्म कुमारी कैंपस में ब्रह्मकुमारी की 80वीं सालगिरह के मौके पर आयोजित समारोह में आडवाणी ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि संघ ने चरित्र निर्माण में मदद की और उन्होंने अनुशासन के साथ कई चीजें संगठन से सीखी.

उन्होंने कहा कि, संघ नि:स्वार्थ भाव, ईमानदारी और प्रामाणिकता के साथ आर्दश व्यक्तित्व का निर्माण करता है. मैं ऐसे संगठन का सदस्य रहा हूं और आज भी हूं जो राष्ट्रनिर्माण के लिये सेवा करता है. आरएसएस की विचारधारा कभी भी गलत कार्यों को बढ़ावा देने का काम नहीं करती.

(फोटो: पीटीआई)

आडवाणी ने कहा कि, मैंने भी अपने जीवन और आचरण में कभी मूल्यों और आदर्शों से समझौता नहीं किया.

ब्रह्म कुमारी की विचारधारा की प्रशंसा करते हुए आडवाणी ने कहा कि संस्था की प्रमुख दादी जानकी 101 वर्ष की उम्र में भी इसका संचालन कर रही है, यह एक असाधारण उपलब्धि है.

उन्होंने आगे कहा कि, ‘मैं इस संस्था से शुरु से ही जुड़ा रहा हूं. मैंने अपनी आंखों से देखा है कि कैसे इसके संस्थापक दादा लेखराज ने ओम मंडली से शुरूआत की थी. दादा लेखराज एक आदर्श व्यक्ति थे, उन्होंने वैसा ही आदर्श संगठन बनाया है. इसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है.’