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बीजेपी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक: ‘मोदी-मंत्र’ लेकर जनता के बीच जाने की तैयारी

पार्टी की तरफ से इसे विस्तारित कार्यकारिणी कहा जा रहा है जिसमें तकरीबन दो हजार से ज्यादा सदस्य भाग लेंगे. पार्टी के इस अधिवेशन से 2019 की लड़ाई का बिगुल बजने वाला है

Amitesh

2019 के लोकसभा चुनाव में अभी डेढ़ साल का वक्त है लेकिन, बीजेपी अभी से ही इलेक्शन मोड में आ गई है. मोदी-शाह की बीजेपी चुनावी तैयारियों को लेकर कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है लिहाजा अभी से ही पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनाव को लेकर टिप्स दिए जा रहे हैं. 25 सितंबर को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होने वाली पार्टी कार्यकारिणी की विशेष बैठक में बीजेपी नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का इंतजार रहेगा.

पार्टी के इस बड़े अधिवेशन में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी पार्टी के सभी पदाधिकारियों के साथ-साथ सभी सांसदों और विधायकों को भी एक बार फिर से नसीहत दे सकते हैं. कोशिश होगी ऐसी कोई गलती ना हो जिससे पार्टी और सरकार की छवि पर कोई आंच आए.


पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी लगातार अलग-अलग राज्यों का दौरा कर पार्टी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकने की कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी पिछले एक साल से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष मना रही है. पिछले साल केरल के कोझिकोड में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक के दौरान इसका फैसला हुआ था.

जारी रहेगी दीनदयाल विस्तारक योजना

पिछले एक साल के भीतर बीजेपी ने पहली बार नायाब प्रयोग करते हुए पार्टी के विस्तार के लिए पूर्णकालिक सदस्यों को खास जिम्मेदारी सौंपी थी. दीनदयाल विस्तारक योजना के तहत बीजेपी देश भर में अपने इन पूर्णकालिक सदस्यों की सेवा ले रही थी. लेकिन, उन जगहों पर पूर्णकालिक सदस्यों को ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई थी जहां पार्टी का जनाधार बेहद कम है. इनमें कुछ पूर्णकालिक 15 दिन के लिए, कुछ छह महीने के लिए तो कुछ ने एक साल तक पार्टी के लिए काम किया है और वो भी संघ के स्वयंसेवक की तरह घर-बार छोड़कर संगठन के लिए पूरी तरह समर्पित.

अबतक आरएसएस में ही पूर्णकालिक सदस्य हुआ करते थे. लेकिन, मोदी-शाह की जोड़ी ने पहली बार संघ से ही प्रेरणा लेकर संघ से अलग बीजेपी के अपने पूर्णकालिक की अवधारणा को पार्टी के भीतर भी लागू किया. पिछले एक साल में इस प्रयोग से मिल रही सफलता से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह बेहद उत्साहित हैं. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी दीनदयाल विस्तारक परियोजना की सफलता से उत्साहित होकर इसे और आगे बढ़ाने पर विचार कर रही है जिस पर पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मुहर लग जाएगी.

पार्टी की नजर 2019 की लड़ाई पर है, लिहाजा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष के समापन के बाद भी आने वाले सालों में बीजेपी की तरफ से संगठन से जुड़े वो सभी काम नियमित रूप से होते रहेंगे जो पिछले एक साल के दौरान होते आए थे. यानी पंडित दीनदयाल उपाध्याय विस्तारक योजना भी आगे चलती रहेगी.

इसके अलावा पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने पिछले एक साल में पूरे देश में अलग-अलग राज्यों का दौरा किया है. अपने दौरे के वक्त अमित शाह उस राज्य में दो से तीन दिन का प्रवास करते हैं. इस दौरान अमित शाह पार्टी की सरकार और संगठन के काम-काज का आकलन करने के अलावा पार्टी कार्यकर्ताओं से भी लगातार संवाद करते हैं.

अमित शाह समाज के प्रबुद्ध तबके से अलग से बात कर उस राज्य में पार्टी की बात को जनता के बीच पहुंचाने की पूरी कोशिश भी करते रहे हैं. शाह का प्रवास आगे भी जारी रहेगा, क्योंकि इससे उन राज्यों में बूथ स्तर से लेकर विधानसभा और लोकसभा स्तर तक सभी कार्यकर्ता नए जोश और जुनून से काम करने में लग जाते हैं.

2019 से पहले विधानसभा चुनाव जीतने की तैयारी

हालांकि लोकसभा चुनाव में अभी डेढ़ साल का वक्त बचा है. लेकिन, उसके पहले कई राज्यों का विधानसभा चुनाव भी बीजेपी के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. इस साल के आखिर में गुजरात और हिमाचल में चुनाव है, जबकि, अगले साल मई में कर्नाटक में चुनाव होना है.

इसके अलावा लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी विधानसभा का चुनाव होना है. हिमाचल और कर्नाटक को छोड़कर बाकी राज्यों में बीजेपी लगातार सत्ता में रही है, लिहाजा उसे एंटीइंकंबेंसी से भी जूझना होगा.

इन विधानसभा चुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन लोकसभा चुनाव 2019 के लिए माहौल बनाने में मददगार साबित होगा. इस बात को मोदी-शाह समझ रहे हैं. यही वजह है कि अभी से ही इलेक्शन मोड में सभी नेताओं-कार्यकर्ताओं को डाला जा रहा है.

इस बार की बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में विशेष तौर पर पार्टी के सभी सांसदों को बुलाया गया है. इसके अलावा बीजपी के अलग-अलग राज्यों के विधानसभा और विधानपरिषद के सदस्यों को भी आमंत्रित किया गया है. देश भर मे बीजेपी के सभी एमएलए और एमएलसी की संख्या करीब 1400 है.

बीजेपी कार्यकारिणी की बैठक में कार्यकारिणी के सभी सदस्यों को बुलाया जाता है, जिसमें पार्टी के सभी केंद्रीय पदाधिकारी भी शामिल होते हैं. इसके अलावा संगठन महामंत्री और सह-संगठन मंत्री भी मौजूद रहते हैं.

बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी बीजेपी कार्यकारिणी में शामिल होते हैं. राष्ट्रीय कार्यकारिणी में सभी राज्यों के पार्टी अध्यक्ष और संगठन मंत्री भी शिरकत करते रहे हैं. लेकिन, इस बार बैठक में खासतौर से हर राज्य के पार्टी के सभी महासचिवों को भी बुलाया गया है.

आर्थिक मुद्दों पर रहेगा जोर

इस वक्त विपक्ष सरकार की आर्थिक मुद्दों पर घेरा बंदी कर रहा है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी अपने अमेरिका दौरे के वक्त सरकार को बेरोजगारी दूर करने में विफल बताया है. नोटबंदी और जीएसटी का प्रभाव भी अर्थव्यवस्था पर पड़ा है.

ऐसे में बीजेपी की तरफ से इन मुद्दों पर सरकार की पीठ थपथपाई जाएगी और यह दिखाने का प्रयास भी होगा जिसमें सरकार की तरफ से अबतक की कमियों की सफाई की जा रही है. बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, आर्थिक मुद्दे को लेकर एक प्रस्ताव भी पास होगा जिसमें आर्थिक मोर्चे पर सरकार की तरफ से उठाए गए कदम की सराहना की जाएगी.

पार्टी की तरफ से इसे विस्तारित कार्यकारिणी कहा जा रहा है जिसमें तकरीबन दो हजार से ज्यादा सदस्य भाग लेंगे. पार्टी के इस अधिवेशन से 2019 की लड़ाई का बिगुल बजने वाला है.