कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी एक बड़ी राजनीतिक करवट लेने वाली है. महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी के साथ गठबंधन तोड़कर कश्मीर में सरकार गिरा देने वाली बीजेपी अब एक अभूतपूर्व गठबंधन करने जा रही है और मुख्यमंत्री पद के लिए भी वो एक खास चेहरे को समर्थन दे सकती है.
राजनीतिक खबरियों का कहना है कि बीजेपी पीपल्स कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन करके विधानसभा चुनावों में उतरना चाहती है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी घोषणा अगले महीने की जा सकती है.
और बीजेपी जिस चेहरे को सीएम पद के लिए समर्थन देगी, वो हैं- सज्जाद गनी लोन. सज्जाद लोन पूर्व में अलगाववादी नेता रहे हैं और अब मुख्यधारा की राजनीति करते हैं.
राम माधव कर चुके हैं लोन से कई मुलाकातें
अभी बुधवार को ही बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन बढ़ाए जाने के पक्ष में बयान दिया है. अगले महीने वहां राज्यपाल शासन खत्म हो रहा है. ऐसे कहा जा रहा है कि बीजेपी वहां पीपल्स कॉन्फ्रेंस के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. बीजेपी मार्च में वहां विधानसभा चुनाव करवाना चाहती है.
राम माधव ने सज्जाद लोनी के साथ कई लंबी मुलाकातें भी की हैं. अगर चुनाव होते हैं और दोनों पार्टियों का गठबंधन होता है तो सज्जाद लोन को ही मुख्यमंत्री कैंडीडेट के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाएगा.
अलगाववादी राजनीति से मुख्यधारा में आए सज्जाद लोन हैं 'BJP's Man'
अगर ये गठबंधन अस्तित्व में आता है और सज्जाद सीएम बन जाते हैं तो ये उनका सबसे बड़ा सपना पूरा होने जैसा होगा. अलगाववादी पिता अब्दुल गनी लोन के बेटे सज्जाद गनी लोन को 2002 में अपने पिता की हत्या के बाद राजनीति में आना पड़ा था. सज्जाद लोन अपने पिता के नक्शे-कदम पर ही चले. उन्होंने अलगाववादी राजनीति की वकालत की और स्वायत्त कश्मीर की आवाजें उठाईं.
लेकिन वक्त के साथ वो घाटी में बीजेपी का चेहरा बन गए हैं. लोन और बीजेपी के संबंध 2014 से ही बनने ही लगे थे. लोकसभा चुनावों में लोन की पार्टी बीजेपी-पीडीपी गठबंधन का हिस्सा भी बनी थी. हालांकि, उस वक्त कहा गया था कि बीजेपी के साथ गठबंधन करने की वजह से मुफ्ती मोहम्मद सईद ने उन्हें किनारे करने की कोशिश की थी, तब बीजेपी ने उन्हें अपने कोटा से मंत्रीस्तर का पद दिया था.
बीजेपी लोन के चेहरे को आगे करके बीजेपी सीधे नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी से टक्कर लेना चाहती है. लोन भी खुद सीएम कैंडीडेट के तौर पर अपनी भूमिका तैयार करने में लगे हैं और नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी की वंशवादी राजनीति और कश्मीर में गर्वनेंस की कमी को लेकर लगातार हमलावर हैं.