महाराष्ट्र के नेता एकनाथ खड़से ने कहा है कि बीजेपी उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर न करे. गुरुवार को उन्होंने कांग्रेस के साथ मंच भी साझा किया जहां उन्हें नई पार्टी ज्वाइन करने के लिए न्योता दिया गया था. कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने खड़से को कांग्रेस में आने के लिए खुला निमंत्रण दिया है.
बीजेपी के साथ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए खड़से ने कहा, स्पष्ट कर दूं कि मैं बीजेपी छोड़ना नहीं चाहता. लेकिन आप लोगों (बीजेपी नेताओं) को भी मुझे पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए. खड़से कथित पुणे एमआईडीसी भूमि घोटाले में जांच का सामना कर रहे हैं.
खड़से ने कहा, पार्टी मुझे बताए कि मेरा अपराध क्या है. अगर मैं अपराधी हूं तो मुझे जेल में डाला जाए. बिना किसी गलती के मुझे सजा देने का क्या मतलब है?
बीजेपी नेता ने शायराना अंदाज में कहा, रहते थे जिनके दिल में, हम जान से भी प्यारों की तरह, बैठे हैं उन्हीं के कूचे में हम आज गुनहगारों की तरह.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, खड़से रह-रह के पार्टी के खिलाफ कुछ न कुछ बोल रहे हैं लेकिन बीजेपी ने उधर कान नहीं देने की रणनीति बनाई है. वे जबतक भ्रष्टाचार के आरोपों से पाक-साफ न निकल जाएं तबतक पार्टी उन्हें कैबिनेट में लेने के मूड में नहीं है.
कांग्रेस इस बात का फायदा उठाना चाहती है, तभी उसने खड़से को कांग्रेस ज्वाइन करने के लिए न्योता दिया है. जैसा कि चव्हाण ने कहा है, हमने उनके लिए अपना दरवाजा खोलने का फैसला लिया है. कांग्रेस में उनका स्वागत है. एनसीपी भी उन्हें अपनी पार्टी में आने का निमंत्रण दे चुकी है.
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रावसाहेब दानवे ने कहा, बीजेपी खड़से के योगदान को काफी महत्व देती है. उनको लेकर कुछ मसले हैं. वे जैसे ही उससे निपटते हैं, पार्टी उन्हें पुनः वापस बुला लेगी.
दानवे ने कहा, कांग्रेस-एनसीपी की ओर से आरोप लगाए जाने के बाद कैबिनेट से हटने का फैसला खुद खड़से ने लिया. इसलिए दोनों पार्टियों को खड़से को बुलाने का कोई नैतिक आधार नहीं है. ये वही लोग हैं जिन्होंने खड़से के काम पर प्रश्न उठाए और उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया.
बॉम्बे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज दिनकर जोटिंग कथित भूमि घोटाले की जांच कर रहे हैं.