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पाकिस्तान के सीने पर चढ़कर कश्मीर का दिल जीतने की कोशिश में सरकार

अलगाववादी नेताओं की पूरी कोशिश है कि एक बार फिर से घाटी के हालात को 90 के दशक की तरह ही अशांत बनाया जाए

Amitesh

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अभी हाल ही में बयान दिया था कि ‘कश्मीर हमारा है, कश्मीरी हमारे हैं और कश्मीरियत हमारी है.’ गृहमंत्री ने कहा कि ‘हमारी सरकार कश्मीर मसले का स्थायी समाधान जरूर निकालेगी.’

सिक्किम में दिए इस बयान को काफी अहम  माना जा रहा है. क्योंकि यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब पाकिस्तान के साथ भारत के रिश्ते काफी खराब चल रहे हैं. दूसरी तरफ, कश्मीर में भी पाकिस्तान की शह पर हालत बिगड़ गए हैं.


पत्थरबाजी की घटना के चलते घाटी में हालात लगातार खराब हो रहे हैं. इसमें कोई दो राय नहीं कि पाकिस्तान की शह पर आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है और हुर्रियत के नेता पाकिस्तानी मदद से कश्मीर में मासूमों के हाथों में पत्थर थमा कर हालात को बेकाबू बनाने पर तुले हुए हैं.

अलगाववादी नेताओं की पूरी कोशिश है कि एक बार फिर से घाटी के हालात को 90 के दशक की तरह ही अशांत बनाया जाए, जिससे कश्मीर के मसले पर भारत परेशान हो और पूरी दुनिया में इस बात का संदेश जाए कि कश्मीर में हालात बुरे हैं.

भारत सरकार अलगाववादियों के मंसूबे  को भांप चुकी है. सरकार इस बात को समझती है कि अलगाववादी, आतंकवादी और पाकिस्तान की सांठ-गांठ से ही इस वक्त कश्मीर को अशांत किया जा रहा है.

एक तरफ पत्थरबाजी की घटना तो दूसरी तरफ आतंकवादी घटनाओं का बढ़ना तो तीसरी तरफ पाकिस्तान से लगी सीमा और लाइन ऑफ कंट्रोल के पास पाकिस्तान की तरफ से की गई गोलाबारी पाकिस्तान की साजिश का पर्दाफाश करती है.

सरकार हालात सामान्य करने की कोशिश में है

अब सरकार की कोशिश है हर हाल में हालात को सामान्य करने की. सरकार पाक के नापाक मंसूबों पर पानी फेरने के लिए कश्मीर के लोगों से बात करने की तैयारी कर रही है. सरकार के सूत्रों के मुताबिक जल्द ही कश्मीर के लोगों को बातचीत में शामिल करने की तैयारी में है.

गृहमंत्री राजनाथ सिंह का हाल ही में दिया गया बयान इसी संदर्भ में देखा जा रहा है. राजनाथ सिंह के बयान से साफ है कि सरकार कश्मीर के लोगों को साथ लेकर वहां पाकिस्तान की साजिश की धार को कुंद करना चाहती है.

सरकार इसके लिए जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग सियासी दलों के साथ भी आने वाले दिनों में बातचीत का दौर शुरू कर सकती है. हो सकता है कश्मीर के सभी सियासी दलों के साथ एक सर्वदलीय बैठक भी बुला ली जाए. हालांकि, अलगाववादी हुर्रियत के नेताओं से सरकार बात नहीं करना चाहती है.

रक्षा विशेषज्ञ कमर आगा का मानना है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बयान से यह जताने की कोशिश की है कि कश्मीर के लोग हमारे अपने हैं तो उनसे बातचीत तो हो सकती है, लेकिन, अलगाववादी  गुटों के साथ किसी तरह की बात नहीं होगी.

पाकिस्तान को सख्त संदेश देना चाहती है सरकार

दूसरी तरफ सरकार पाकिस्तान को भी सख्त संदेश देना चाहती है. सरकार ने सेना को पहले ही उचित कार्रवाई और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए खुली छूट दे रखी है. नौशेरा सेक्टर  में पाकिस्तान की चौकियों को तबाह करने के बाद सेना की तरफ से की गई कारवाई का वीडियो जारी कर साफ कर दिया गया है कि किसी भी कीमत पर पाकिस्तान को अब बख्शा नहीं जाएगा.

कमर आगा ने फ़र्स्टपोस्ट से बातचीत में बताया कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने बयान से पाकिस्तान को नसीहत भी दी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि आज के भूमंडलीकरण के दौर में कैपिटल, लेबर और तकनीक को ट्रांसफर किया जाता है न कि आंतकवाद का. जबकि पाकिस्तान आतंकवाद को ट्रांसफर कर रहा है.

कमर आगा मानते हैं कि पाकिस्तान को अब समझना होगा कि भारत अब इस पूरे मामले में सख्ती से निपटेगा. नौसेरा सेक्टर में पाकिस्तान की चौकी तबाह कर वीडियो जारी कर भारत ने इसकी एक बानगी पेश भी कर दी है.

सरकार की यह नई रणनीति का हिस्सा है, जहां एक तरफ सरकार पाकिस्तान और पाकिस्तान परस्त आतंकवादियों को सबक सिखाने के लिए आक्रामक अभियान चला रही है तो दूसरी तरफ, अमन-चैन पसंद आम कश्मीरी का दिल जीतने की भी कोशिश में है.

सिक्किम में गृहमंत्री राजनाथ सिंह का कश्मीर पर दिया गया बयान एक आम कश्मीरी का दिल जीतने की कोशिश को दिखाता है.