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बीजेपी स्थापना दिवस: 2019 में कमल खिलाने की भारी तैयारी में जुटी पार्टी

बीजेपी की स्थापना दिवस के मौके पर 6 अप्रैल से लेकर 14 अप्रैल तक कई बड़े कार्यक्रम हैं

Amitesh

6 अप्रैल को बीजेपी अपनी स्थापना दिवस मना रही है. इस मौके पर 6 अप्रैल से लेकर 14 अप्रैल तक कई बड़े कार्यक्रम हैं. यूपी की शानदार जीत के बाद अब पार्टी 2019 की तैयारियों में जुट गई है.

मिशन यूपी की सफलता ने बीजेपी के लिए मिशन 2019 की एक ऐसी लॉन्चिंग पैड तैयार कर दी है, जिसे पार्टी हर हाल में भुनाना चाहती है.


यूपी के भीतर इस बार बीजेपी को उन सीटों पर भी भारी जीत मिली है जहां तक बीजेपी को अब तक जीत नसीब नहीं हुई थी. अब पार्टी की तरफ से इसी फॉर्मूले को पूरे देश में लागू करने की तैयारी हो रही है.

पार्टी के सभी दिग्गज 6 अप्रैल से 14 अप्रैल तक देश के अलग-अलग जगहों पर जाकर बीजेपी कार्यकर्ताओं में नई जान फूंकने की कोशिश करेंगे. ये दौरा उन जगहों पर ज्यादा होगा, जहां बीजेपी पिछले लोकसभा चुनाव में हार गई है.

6 अप्रैल से 14 अप्रैल तक जोरदार अभियान 

6 अप्रैल को बीजेपी का स्थापना दिवस है जबकि 14 अप्रैल को बाबा साहब भीम राव अंबेडकर की जयंती है. लिहाजा पार्टी ने सोच समझकर इस दिवस को चुना है.

इस वक्त बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के 330 सांसद जीतकर आएं हैं. लेकिन, बाकी 212 सीटों पर बीजेपी के विरोधी दल के सांसद हैं. लिहाजा, पार्टी का मुख्य फोकस उन सभी 212 सीटों पर है जिसे अगले लोकसभा चुनाव में जीतने की पूरी कोशिश बीजेपी कर रही है.

पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर कई केंद्रीय मंत्री भी इस दौरान अलग-अलग जगहों का दौरा कर पार्टी कैडर के बीच उर्जा का संचार करते नजर आएंगे.

तय कार्यक्रम के मुताबिक, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह हैदराबाद का दौरा करेंगे, जबकि गृह-मंत्री राजनाथ सिंह साउथ कोलकाता का दौरा करेंगे. वित्त मंत्री अरूण जेटली बेंगलुरू और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान गुना जाएंगे.

ईरानी जाएंगी रायबरेली 

इसके अलावा राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में जनरल वी के सिंह दस्तक देने वाले हैं.

बीजेपी के बिहार के प्रभारी और महासचिव भूपेंद्र यादव बिहार के मधेपुरा में रहेंगे जबकि, जबकि स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा केरल के त्रिशुर का दौरा करेंगे.

स्मृति ईरानी नार्थ कोलकाता का भी दौरा करेंगी. बीजेपी का फोकस पश्चिम बंगाल, ओडीसा, केरल समेत उन राज्यों मे ज्यादा है जहां पार्टी के बेहद कम सांसद लोकसभा पहुंचे है या फिर पार्टी अबतक अपना खाता तक नहीं खोल पाई है.

हारी हुई जगहों पर होगा शक्ति केंद्र सम्मेलन 

हालांकि, इस दौरान बीजेपी की तरफ से शक्ति केंद्र सम्मेलन का भी आयोजन किया जा रहा है. इस सम्मेलन में पार्टी की तरफ से हर सांसद अपने संसदीय क्षेत्र के अलावा किसी दूसरे ऐसे संसदीय क्षेत्र में जाएगा जहां बीजेपी और उसके सहयोगी दल पिछला लोकसभा चुनाव हार गए हैं.

शक्ति केंद्र सम्मेलन के दौरान बीजेपी सांसद पार्टी के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को केंद्र सरकार की अब तक की उपलब्धियों के अलावा जीएसटी बिल के बारे में जानकारी देंगे. इसके अलावा बीजेपी की स्थापना के विषय के साथ-साथ पिछड़ा आयोग बनाए जाने और उसकी खूबियों के बारे में जानकारी देंगे.

पार्टी सांसदों की तरफ से स्वच्छता कार्यक्रम भी इस दौरान चलाया जाएगा होगा. दस बूथ मिलाकर एक रचना  तैयार होती है जिसे शक्ति केंद्र माना जाता है. इस वक्त 6 लाख बूथ हैं जिसमें 60000 शक्ति केंद्र हैं.

पार्टी की तरफ से इन सभी शक्ति केंद्रों पर बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को सरकार के कामों की जानकारी देने के साथ-साथ आगे की लड़ाई के लिए तैयार रखने की कोशिश हो रही है.