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बिहार सेक्स स्कैंडल: क्या इसे भी 'बॉबी कांड' की तरह दबा दिया जाएगा?

कहीं 2017 का सेक्स कांड 1983 के बॉबी कांड की तर्ज पर ही कब्र में न समा जाए.

Amitesh

कहते हैं वक्त के साथ दाग धुल जाते हैं. लेकिन, कुछ ऐसी यादें होती हैं जिन्हें भुला पाना मुश्किल हो जाता है. रह-रह कर ये पुरानी यादें किसी न किसी रूप में समाज को एक नासूर की तरह कुरेदती रहती हैं. 1983 का बहुचर्चित बॉबी कांड इसी तरह की यादों के लिए जाना जाता है.

अब एक बार फिर से बिहार के भीतर बॉबी कांड की तर्ज पर एक ऐसे सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसने बिहार के सत्ता के गलियारों से लेकर नौकरशाही तक सबको हिलाकर रख दिया है. इसके तार पटना से लेकर दिल्ली तक जुड़े हैं.


बॉबी कांड के वक्त राज्य-केंद्र में थी कांग्रेस

1983 के बॉबी कांड के वक्त तो राज्य और केंद्र दोनों जगह कांग्रेस की सरकारें थी. कहा तो यही गया कि कांग्रेसी नेताओं का नाम आ रहा था, लिहाजा मामले को दफन कर दिया गया.

उस वक्त चर्चा इसी बात की थी कि बिहार पुलिस के तेजतर्रार और ईमानदार ऑफिसर माने जाने वाले किशोर कुणाल ने जैसे ही आरोपियों को अपने गिरफ्त में लेने की कोशिश की तो ठीक उसी वक्त पूरा केस ही सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया.

इस बार भी बॉबी कांड की ही तरह एक और कांड हुआ, जिसमें कांग्रेस के एक प्रदेश स्तर के नेता के साथ-साथ बड़े-बड़े रसूखदार लोगों का नाम सामने आ रहा है.

लेकिन, इस बार 2017 में हुए इस सेक्स रैकेट के भंडाफोड़ की कहानी कुछ अलग है. इस पूरे जाल में फंसी लड़की बिहार सरकार में एक पूर्व मंत्री की बेटी है, जो कह रही है कि मुझे इस जाल में फंसाकर नरक में धकेल दिया गया.

पटना के एक नामी हाई स्कूल में पढ़ी लड़की को इस बात का भरोसा था कि उसे अपनापन दिखाने वाला लड़का निखिल जल्द ही उसके साथ सात फेरे लेगा. साथ जीने-मरने की बात करने वाले दोनों की तरफ से अपने दोस्तों के बीच इस बात का ऐलान भी होने लगा था कि जल्द ही उनकी वेडिंग सेरेमनी भी होगी.

लेकिन, बाद में लड़की को इस बात का शक हुआ कि कुछ न कुछ गड़बड़ है. तब तक काफी देर हो चुकी थी. लड़की सेक्स रैकेट के दलदल में फंस चुकी थी. आरोपी कांग्रेस नेता के ऊपर भी पीड़ित लड़की की तरफ से बड़े संगीन आरोप लगे हैं. लेकिन कांग्रेसी नेता के अलावा भी कई रसूखदार लोगों ने इस लड़की का शारीरिक शोषण किया. काफी छटपटाहट के साथ लड़की इस दलदल से निकलने की कोशिश करती रही.

सेक्स रैकेट के इस खेल में फंसी पीड़ित लड़की निखिल प्रियदर्शी को लेकर अब अपने राज उगल रही है, जिससे देखकर साफ नजर आता है कि अगर साफगोई से इसकी जांच की जाए तो इस रैकेट में शामिल और कई सारे लोगों के नाम सामने आ पाएगा.

निखिल प्रियदर्शी हैं सूत्रधार

कहा तो ये भी जा रहा है कि निखिल प्रियदर्शी न केवल इस पूरे खेल का सूत्रधार है, बल्कि इसके अलावा इस तरह के और कई खेल में निखिल की मिलीभगत रही है, जिसका खुलासा चौंकाने वाला हो सकता है.

कारोबारी निखिले प्रियदर्शी पर दलित लड़की का यौन शोषण करने का आरोप है (फोटो: फेसबुक से साभार)

इस सेक्स कांड के सूत्रधारों के बारे में चर्चा इस बात की होती है कि इन्हें कई दूसरे बड़े नेताओं का संरक्षण हासिल है, जो अबतक इस पूरे खेल में शामिल रहे.

बहुचर्चित शिल्पी-गौतम हत्या कांड में भी इस तरह के लोगों का नाम सामने आया था. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हुआ था कि शिल्पी गौतम की हत्या से पहले उसके साथ रेप हुआ था.

अब निखिल की तरफ से एक पत्रकार को तो यहां तक बताया गया है कि ‘ मेरे पॉकेट में खुफिया कैमरे से सूट किया गया 55 ऐसे लोगों के वीडियो क्लिपिंग्स हैं जिसको मैं सार्वजनिक कर दूं तो कई धाकड़ नेताओं और सीनियर अधिकारियों की वाट लग जाएगी’.

ऐसी सूरत में इस बात के कयास ज्यादा लगाए जा रहे हैं कि कहीं 2017 का सेक्स कांड 1983 के बॉबी कांड की तर्ज पर ही कब्र में न समा जाए.