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कुर्बानी देकर भी मोदी को फिर बनाएंगे PM, मगर मेरे साथ न हो नाइंसाफी: कुशवाहा

'लालू यादव आउट आॅफ सीन हैं. वो चुनाव लड़ने से भी वंचित कर दिए गए हैं. जबकि तेजस्वी यादव अभी राजनीति को सीख-पढ़ रहे हैं. इसलिए आज की तारीख में नीतीश कुमार बिहार के बड़े नेता हैं'

Kanhaiya Bhelari

केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा अपने हाल के कई बयानों के कारण चर्चा में हैं. उन्हें महसूस हो रहा है कि कोई शख्स उनकी औकात को काटने-छांटने की साजिश रच रहा है. कुशवाहा इशारों-इशारों में आरोप लगाते हैं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनको 'नीच' कह रहे हैं.

पटना में पिछले दिनों हिंदी के राजकीय अतिथिशाला में उपेंद्र कुशवाहा से बिहार और देश की राजनीति पर विशेष बातचीत की गई. उन्होंने कहा कि वो ‘नेरेंद्र मोदी को दोबारा देश का प्रधानमंत्री बनाने के लिए किसी भी तरह की कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं. लेकिन मेरे साथ नाईंसाफी नहीं होनी चाहिए.’ पेश है उनसे हुई बातचीत का पूरा विवरण...


सवाल: आपके हाल के बयानों से झलक रहा है कि आप नीतीश कुमार से काफी नाराज हैं. उनको आप बड़ा भाई मानते हैं इसलिए उनसे मिलकर क्या नाराजगी दूर की जा सकती है?

कुशवाहा: मैं नाराज नहीं हूं. उनकी कही एक बात को लेकर दुखी हूं. हमको टारगेट कर के मुख्यमंत्री ने पूरे कुशवाहा समाज को 'नीच' कहा है. उनसे ऐसी बयान की अपेक्षा नहीं थी. मैं चाहता हूं कि नीतीश कुमार उस बयान को वापस लें.

सवाल: मतलब उस तथाकथित बयान के लिए सीएम आपसे माफी मांग लें?

कुशवाहा: नहीं, नहीं... मैं माफी मांगने की बात नहीं कर रहा हूं. मैं चाहता हूं कि सीएम मीडिया के बीच आकर एक्सप्लेन (सफाई) करें कि हमने ऐसा नहीं कहा था. या फिर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह हम दोनों को एक कमरे में बुलाएं जहां नीतीश कुमार यह स्पष्ट करें कि उन्होंने 'नीच' शब्द का प्रयोग नहीं किया था.

सवाल: नातीश कुमार के मिजाज को आप अच्छी तरह से जानते हैं. आपको लगता है कि वो ऐसा करेंगे?

कुशवाहा: यदि नहीं करेंगे तो बयान से आहत समाज के लोग राज्य भर में उनके खिलाफ जन आक्रोश रैली निकालने का काम करेंगे. ठीक उसी तर्ज पर जैसे उन्होंने 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ डीएनए को मुद्दा बनाकर आंदोलन किया था. सीएम का वो आंदोलन फर्जी था क्योंकि पीएम ने बिहारियों की डीएनए पर तंज नहीं कसा था.

सवाल: क्या यह बात सही है जब से नीतीश कुमार एनडीए का हिस्सा बने हैं तब से आप असहज हैं? इसलिए कभी आप तो कभी आपके दल के नेता उनके खिलाफ कड़वे बयान देते रहते हैं?

कुशवाहा: यह सरासर झूठ है. हमारे दल के किसी नेता ने 'बिलो द बेल्ट' बयान नहीं दिया है. मैं तो आज भी उनको अपना बड़ा भाई मानता हूं. हमारे दिल में उनके लिए श्रद्धा है.

सवाल: यह बताइए कि क्या आपको लगता है नीतीश कुमार के आने से देश और प्रदेश में एनडीए मजबूत हुुआ है?

कुशवाहा: यकीनन मजबूत हुआ है. यह सच्चाई है इससे कोई कैसे इनकार कर सकता है. नीतीश कुमार के आने से बिहार में एनडीए 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में क्लीन स्वीप करेगा.

सवाल: टिकटों के बंटवारे का मसला सुलझा या फिर वो उलझते ही जा रहा है. बीजेपी और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने तो बराबर-बराबर सीटों पर लड़ने पर सहमति बना ली है. सुनने में आ रहा है कि आपको 2 सीट का ऑफर मिला है. क्या इसको लेकर आप नाराज चल रहे हैं?

कुशवाहा: बीजपी नेतृत्व से मैंने कितने सीटों की मांग की है इसको पब्लिक डोमेन में लाना ठीक बात नहीं है. लेकिन कम से कम 3 सीटों पर तो मेरा जेनुइन हक बनता है. 2014 की तुलना में आज मेरी पार्टी ज्यादा ताकतवर हुई है. वैसे नरेंद्र मोदी को दोबारा पीएम बनाने के लिए मैं किसी भी प्रकार की कुर्बानी देने को तैयार हूं. लेकिन मेरे साथ नाइंसाफी नहीं होनी चाहिए.

सवाल: सोशल मीडिया पर खबर चल रही है कि अगर आप 2 सीट पर नहीं मानेंगे तो आपको एनडीए से किक आउट (निकाल बाहर) किया जाएगा. फिर आप राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के कुनबे में जाकर खीर बनाएंगे?

कुशवाहा: हंसते हुए, सोशल मीडिया का काम ही रह गया है भ्रम फैलाना. एक बात साफ कर दूं कि बहुतों की तरह मैं 'आया राम, गया राम' नहीं हूं. मैं एनडीए में हूं और रहूंगा. साथ ही मैं बिहार में शिक्षा के गिरते स्तर को ठीक कर उसे पटरी पर लाने के लिए आंदोलन करता रहूंगा.

सवाल: हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए बने कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ भी आप बिहार में ‘हल्ला बोल-दरवाजा खोल’ कार्यक्रम चला रहे हैं?

कुशवाहा: मेरा मानना है कि यह सिस्टम एकदम गलत है. यह एससी, एसटी, दलित और गरीब वर्ग से आने वाले लोगों को जज बनने से रोकता है. हम चाहते हैं कि यूपीएससी की तरह कम्पीटिटीव (प्रतिस्पर्धात्मक) व्यवस्था बने. केंद्र सरकार ने इसके लिए पहल की थी. मगर एपेक्स कोर्ट (सुप्रीम कोर्ट) ने रिजेक्ट कर दिया.

सवाल: जोरों पर चर्चा है कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए केंद्र सरकार अध्यादेश ला सकती है. इस पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?

कुशवाहा: अभी अध्यादेश लाने की जरूरत नहीं है. मेरे विचार से यह कदम ठीक नहीं होगा. हम लोगों को कोर्ट पर भरोसा करनी चाहिए. जो भी निर्णय हो उसे मानना सही रहेगा.

सवाल: तुलनात्मक रूप से नीतीश कुमार और लालू यादव में आप किसको मजबूत नेता मानते हैं? इनमें से किसको अपने नजदीक मानते हैं? तेजस्वी यादव की राजनीतिक हैसियत क्या है?

कुशवाहा: तुलना करना सही नहीं होगा (मुस्कुराते हुए कहते हैं). लालू यादव आउट आॅफ सीन हैं. वो चुनाव लड़ने से भी वंचित कर दिए गए हैं. जबकि तेजस्वी यादव अभी राजनीति को सीख-पढ़ रहे हैं. आज की तारीख में नीतीश कुमार बिहार के बड़े नेता हैं.

सवाल: उपेंद्र कुशवाहा कि चाहत है कि कम से कम एक बार वो बिहार का मुख्यमंत्री बनें. मगर लगता नहीं है कि आपका यह सपना पूरा होगा. क्योंकि सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि 2020 विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार ही एनडीए का सीएम फेस होंगे?

कुशवाहा: सामने अभी 2019 का महाभारत है. इसको फतह करने की तैयारी पर दिमाग लगाना उचित होगा. इसके बाद 2020 पर विस्तार से चर्चा होगी. वैसे मुख्यमंत्री बनाने का काम जनता करती है. नीतीश कुमार ने तो 2 बार मुझसे कहा है कि सीएम की कुर्सी से उनका मन उब गया है. और आप जानते हैं कि मैं झूठ नहीं बोलता.