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बिहार: विधायकों के पाला बदलने की अटकलों के बीच शरद यादव से मिले कुशवाहा

कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर जोड़-तोड़ की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'वो मुझे और मेरी पार्टी को तोड़ने में लगे हैं. मगर वो कुछ भी कर लें मेरा कुछ बिगाड़ नहीं सकते. वो एनडीए का हिस्सा हैं और हम भी गठबंधन के घटक हैं. उन्हें अपने ही गठबंधन की पार्टी में तोड़-फोड़ नहीं करना चाहिए'

FP Staff

बिहार की सियासत में बदलते घटनाक्रम में केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (आरएलएसपी) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार सुबह शरद यादव से मुलाकात की है. सूत्रों के अनुसार कुशवाहा पटना से दिल्ली अमित शाह से मुलाकात करने आए थे मगर किसी कारण से उनसे उनकी मुलाकात नहीं हो सकी.

शरद यादव से बैठक के बाद कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जोड़-तोड़ की राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'नीतीश कुमार अब मुझे और मेरी पार्टी को तोड़ने में लगे हैं. मगर वो कुछ भी कर लें मेरा कुछ बिगाड़ नहीं सकते. वो एनडीए का हिस्सा हैं और हम भी गठबंधन के घटक हैं. उन्हें अपने ही गठबंधन की अन्य पार्टी में तोड़-फोड़ नहीं करना चाहिए.'

दरअसल रविवार को उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी के 2 विधायकों- सुधांशु रंजन और ललन पासवान ने पटना में मुख्यमंत्री आवास जाकर सीएम नीतीश कुमार और जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर से मुलाकात की थी. जिसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे थे कि यह दोनों जल्द ही जेडीयू में शामिल हो जाएंगे.

अपने विधायकों के मुलाकात की खबर आने पर नीतीश से नाराज चल रहे उपेंद्र कुशवाहा भड़क गए थे.

विधायक ललन पासवान पहले से कुशवाहा से चल रहे हैं नाराज

सूत्रों के अनुसार ललन पासवान पहले से उपेंद्र कुशवाहा से नाराज चल रहे हैं. उनके बारे में बताया जा रहा है कि वो पूर्व में कुशवाहा से अलग होने वाले सांसद अरुण कुमार के समर्थक थे.

नवंबर 2015 में बिहार में हुए विधानसभा चुनाव में कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी ने कुल 23 सीटों पर चुनाव लड़कर महज 2 सीटों पर जीत दर्ज की थी. यदि उनके यह दोनों विधायक (ललन पासवान और सुधांशु रंजन) पाला बदलते हैं तो विधानसभा में उनकी पार्टी की मौजूदगी शून्य हो जाएगी. इससे बिहार की राजनीति में अपनी बड़ी भूमिका तलाशने में जुटे उपेंद्र कुशवाहा को बड़ा झटका लगेगा.