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बिहार: कुशवाहा को बाहर करने की तैयारी कर चुका है NDA गठबंधन?

मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे RLSP सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा की चार सीट के दावे को दिल्ली से लेकर पटना तक NDA के किसी भी घटक दल का मजबूत नेता उचित ठहराने का पक्षधर नहीं है

Kanhaiya Bhelari

NDA में बिहार की लोकसभा सीट बंटवारे को लेकर मच रही हलचल बहुत जल्द खत्म होने वाली है. इसमें सबसे ज्यादा बेचैन RLSP अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा को NDA से बाहर करने की तैयारी बीजेपी और जेडीयू मिलकर कर रहे हैं.

NDA के एक सीनियर लीडर ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि ‘NDA के घटक दल में लोकसभा सीट को लेकर कोई परेशानी नहीं है. साथ ही उपेंद्र कुशवाहा पर सबकुछ फाइनल हो गया है. बीजेपी, जेडीयू और लोक जनशक्ति पार्टी ने कुल 40 सीटों का बंटवारा फाइनल कर लिया है. वहीं कुशवाहा के मामले पर घोषणा जल्द कर दी जाएगी.’


कुशवाहा की मांग को गंभीरता से सुनना चाहिए

अब इसका क्या मतलब समझा जाए कि NDA में कुशवाहा के लिए कोई जगह नहीं है? इस सवाल के जवाब में उन्होनें कहा ‘जब आदमी अपनी औकात को समझते हुए भी जानबूझ कर ज्यादा हिस्सेदारी की मांग करता है तो उसकी यही दुर्गति होती है. दो सीट मिल रही है, लेकिन वो 4 सीट पर अड़े हुए हैं. आपको अंदर की बात बता रहा हूं. अगर NDA का साथ जल्द नहीं छोड़ेंगे तो हमलोग उनको किसी भी समय खुद ही बाहर कर देंगे.’

दरअसल, मुख्यमंत्री बनने का सपना देख रहे RLSP सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा की चार सीट के दावे को दिल्ली से लेकर पटना तक NDA के किसी भी घटक दल का मजबूत नेता उचित ठहराने का पक्षधर नहीं है. अभी तक केवल बीजेपी मार्ग दर्शक मंडल के सदस्य पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्यसभा सदस्य सी.पी ठाकुर उनके बचाव में सामने आए हैं. ठाकुर ने NDA नेतृत्व को सुझाव दिया है कि ‘कुशवाहा की मांग को गंभीरता से सुनना चाहिए. ये राज्य में एक समाज के नेता के रूप में स्थापित हो गए हैं.’

बहरहाल, अपरोक्ष रूप से बीजेपी के वरिष्ठ नेता तथा बिहार सरकार में डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी भी अपने ट्विटर पर कुशवाहा को टैग करते हुए ग्यारह मैसेज भेजे हैं. इसमें उन्होंने लिखा कि ‘नीतीश कुमार के आने के बाद NDA की महफिल में आपकी कोई जरूरत नहीं है.’ वहीं RLSP चीफ उपेंद्र कुशवाहा ने भी ट्विटर पर सुशील मोदी को इसका जवाब दिया है. अभी भी दोनों नेता आपस में ट्विटर युद्ध कर रहे हैं.

सुशील कुमार मोदी के अलावा जेडीयू के बिहार चीफ और राज्यसभा सदस्य वशिष्ठ नारायण सिंह और राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व राज्यसभा सदस्य के सी त्यागी भी कुशवाहा पर लगातार हमले कर रहे हैं. दो दिन पहले त्यागी ने पत्रकारों को बताया कि ‘उपेंद्र कुशवाहा NDA के सदस्य नहीं हैं’. उसी तरह केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री को निशाने पर रखकर जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार फरमाते हैं कि ‘किसी के आने-जाने से NDA के स्वास्थ्य पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.’ इन बयानों के जवाब में RLSP की तरफ से कोई प्रतिक्रिया भी अभी तक नहीं आई है. संपर्क करने पर कोई नेता बोलने को भी तैयार नहीं दिखता है.

पासवान, कुशवाहा की मदद करने के लिए तैयार नहीं दिख रहे

बीजपी के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार मामलों के प्रभारी भूपेंद्र यादव पत्रकारों को बताते हैं कि ‘नेतृत्व को कुशवाहा की तरफ से किसी अल्टीमेटम की कोई जानकारी नहीं है. सीट बंटवारे का मसला साफ नहीं होने के सवाल और बीजेपी अघ्यक्ष अमित शाह के ‘बेरुखी’ से बौखलाए कुशवाहा ने पिछले शनिवार को चेतावनी भरी लहजे में ऐलान किया था कि ‘मैं नवंबर 30 तक इंतजार करूंगा. इसके बाद आगे का रास्ता तय होगा.’ NDA के मजबूत घटक दल एलजेपी के चीफ राम विलास पासवान भी ‘संकट’ की घड़ी में कुशवाहा की मदद करने के लिए तैयार नहीं दिख रहे हैं.

राजनीतिक पंडितों का मानना है कि उपेंद्र कुशवाहा NDA से नाता तोड़ने का ऐलान कतई नहीं करेंगे. रणनीति के तहत कुशवाहा चाहेंगे कि उनको गठबंधन से बाहर निकाला जाए ताकि उनके समर्थक महाभारत 2019 के चुनाव से पहले जनता के बीच जाकर जोर-जोर से नारा लगा सकें कि ‘शहीद उपेंद्र कुशवाहा जिंदाबाद’. ऐसी स्थिति में शहीद कुशवाहा को ‘खीर’ बनाने के लिए भी सामग्री मिलने में आसानी हो सकती है.