view all

बिहार में बड़ी सियासी हलचल के बीच 'अलर्ट' पर गवर्नर

लालू यादव ने ये भी कहा कि तेजस्वी यादव के इस्तीफे का सवाल ही नहीं है

Amitesh

बिहार के बदलते सियासी घटनाक्रम में बिहार के गवर्नर केसरीनाथ त्रिपाठी ने पटना से कोलकाता जाने का अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया है. उन्हें आज ही शाम को पटना से जाना था. बंगाल के गवर्नर केसरीनाथ त्रिपाठी के पास अभी बिहार का भी प्रभार है.

पटना में सियासी गलियारे मेें गवर्नर के पटना से बाहर जाने के कार्यक्रम के रद्द होने के कई मायने निकाले जा रहे हैं.


बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र 28 जुलाई से शुरू हो रहा है. उसके पहले पटना मेें सियासी तापमान चरम पर पहुंच गया है. इस बार महागठबंधन के दलों की एक साथ साझा बैठक भी नहीं बुलाई गई.

बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद अबतक विधानसभा के सत्र के पहले सभी घटक दलों की साझा बैठक मेें रणनीति बनाई जाती थी. लेकिन, इस बार ये बैठक अलग-अलग हो रही है.

आरजेडी ने अपनी अलग बैठक बुलाकर तेजस्वी के इस्तीफे की संभावना को फिर से खारिज कर दिया है. लेकिन, अब लालू के जवाब के बाद नीतीश कुमार के अगले कदम पर सबकी नजरें हैं.

जेडीयू विधायक दल की बैठक में नीतीश कुमार विधानसभा सत्र से पहले पार्टी की रणनीति का खुलासा भी करेंगे. लेकिन, भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस की बात करने वाले नीतीश क्या तेजस्वी के खिलाफ कोई कारवाई करेंगे यह लाख टके का सवाल है.

लेकिन, नीतीश के अबतक के रूख से साफ है कि वो अपनी छवि के साथ किसी तरह के समझौते के मूड में नहीं हैं. ऐसे में जेडीयू विधायक दल की बैठक के बाद कोई बड़ा फैसला हो सकता है.

अगर बड़ा फैसला नहीं हुआ तो भी नीतीश कुमार का कड़ा संदेश फिर से महागठबंधन के भीतर मची हलचल को और बढ़ा सकता है.

उधर, आरजेडी विधायक दल की बैठक पहले ही  हो चुकी है. जिसके बाद लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि बिहार कैबिनेट से उनके बेटे तेजस्वी यादव के इस्तीफे का सवाल ही पैदा नहीं होता. उन्होंने आरजेडी विधानमंडल की बैठक के बाद कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कभी डिप्टी सीएम तेजस्वी से इस्तीफा नहीं मांगा है, ऐसे में इस्तीफे का सवाल ही पैदा नहीं होता.

लालू ने ये भी कहा कि नीतीश कुमार महागठबंधन के नेता हैं और यह उनका फैसला होगा कि वह इसे जारी रखना चाहते हैं या नहीं. हालांकि उन्होंने जोड़ा कि जब बिहार में महागठबंधन की जीत हुई थी तो 5 साल के लिए सरकार बनाई गई है. इसमें कोई बदलाव नहीं आया है.

लालू यादव ने बैठक के बाद मीडिया से बात करते कहा कि उनके और सीएम के बीच मतभेद की खबरें मीडिया की पैदा की हुई हैं.

इसके बाद तेजस्वी यादव ने भी कहा कि बिहार में आरएसएस-बीजेपी महागठबंधन को तोड़ने की साजिश रच रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनसे इस्तीफे के लिए नहीं कहा गया है.

'नीतीश का अपमान बर्दाश्त नहीं'

लालू ने बार-बार दोहराया कि उनके और नीतीश के संबंधों में कोई खटास नहीं है. उन्होंने कहा कि नीतीश का अनादर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. लालू का बयान इस संदर्भ में अहम है कि एनडीए सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के करीबी और पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा, नीतीश का भ्रष्टाचार का जीरो टॉलरेंस ढोंग है. नीतीश क्या दूध के धुले हैं? अगर भेद खुला तो गड़े मुर्दे उखड़ेंगे.

शिवानंद ने कहा, 'नीतीश बोल रहे हैं कि लोगों के बीच बताएं. उनके प्रवक्ता बोल रहे हैं कि सभी सवालों का जवाब दें. नीतीश का कोर्ट है क्या? क्या सीबीआई ने उनको आउटसोर्स किया है.'

उन्होंने कहा, हम चाहते हैं कि नीतीश देश के गठबंधन का नेतृत्व करें लेकिन उनके नेता डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से जिस तरह जवाब की मांग कर रहे हैं वो 27 अगस्त (राजद की रैली) को दिया जाएगा. तिवारी ने साफ कहा कि जीरो टोलरेंस (नीतीश कुमार) की बात न करें नहीं तो उनकी पोल खुल जाएगी.

जनता दल यूनाइटेट और राष्ट्रीय जनता दल ने बुधवार को अलग-अलग विधानमंडल दल की बैठक बुलाई है. जेडीयू की बैठक बुधवार शाम 5.30 बजे होगी. कहा जा रहा है कि इन बैठकों में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर कोई फैसला लिया जा सकता है. यह बैठक बिहार विधानसभा के 28 तारीख को शुरू होने वाले सत्र को लेकर है.