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पनामा पेपर्स मामला: रमन सिंह के बेटे की सरकार कराएगी जांच- बघेल

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 'जब पनामा पेपर्स में नाम होने की वजह से पाकिस्तान में नवाज शरीफ की कुर्सी जा सकती है तो फिर अभिषेक सिंह की जांच क्यों नहीं होगी?'

Bhasha

छत्तीसगढ़ सरकार पनामा पेपर्स मामले में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के सांसद बेटे अभिषेक सिंह की भूमिका की जांच कराएगी. राज्य का मुख्यमंत्री बनने बाद पहली बार दिल्ली आए भूपेश बघेल ने यह बात कही है.

रविवार को बघेल ने ‘पीटीआई-भाषा’ के साथ विशेष बातचीत में कहा कि अभिषेक सिंह के पनामा पेपर्स मामले सहित पूर्व की सरकार में हुए 'भ्रष्टाचार के सभी मामलों' की जांच कराई जाएगी और इस बारे में बहुत जल्द आधिकारिक निर्णय लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र से सुरक्षाबलों की वापसी अभी नहीं होगी. सबसे बातचीत के बाद ही इसपर फैसला लिया जाएगा.


बघेल ने कहा, 'जब पनामा पेपर्स में नाम होने की वजह से पाकिस्तान में नवाज शरीफ की कुर्सी जा सकती है तो फिर अभिषेक सिंह की जांच क्यों नहीं होगी?' यह पूछे जाने पर कि अभिषेक सिंह के मामले जांच के लिए किसी समिति या जांच दल का गठन किया जाएगा तो मुख्यमंत्री ने कहा, 'इस बारे में जल्द निर्णय होगा और आप लोगों (मीडिया) को सूचित किया जाएगा.

बता दें कि पिछले साल बहुचर्चित 'पनामा पेपर्स' में अभिषेक सिंह का नाम आया था. अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज करते हुए अभिषेक ने उस वक्त कहा था कि उनके तथाकथित विदेशी अकाउंट से संबंधित जो विषय उठाए जा रहे हैं, वो पूरी तरह से असत्य और राजनीति से प्रेरित हैं. उन्होंने इसे अपने खिलाफ साजिश करार दिया था.

रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव से लोकसभा सांसद हैं

झीरम घाटी नक्सली हमले की जांच के लिए SIT का गठन 

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 2013 के झीरम घाटी नक्सली हमले की जांच के लिए एसआईटी के गठन का मुख्य उद्देश्य ‘राजनीतिक साजिश’ का खुलासा करना है. उन्होंने कहा कि शुरुआती रूप से दो बातें हैं- जब 23 मई और 24 मई, 2013 को परिवर्तन यात्रा में शामिल नेताओं को सुरक्षा दी गई तब 25 तारीख को सुरक्षा क्यों हटा ली गई. इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं.

दूसरा यह कि नक्सली, घटना को अंजाम देने के बाद फौरन वहां से निकल जाते हैं. यह पहली घटना है जिसमें पूछा गया कि नंद कुमार पटेल कौन है, दिनेश पटेल कौन है, महेंद्र कर्मा कौन है. जैसे ही वो लोग मिले उन्होंने गोलीबारी बंद कर दी. इसलिए उनका उद्देश्य केवल इन नेताओं को मारना था. इसका मतलब यह है कि यह एक साजिश थी.

बघेल ने कहा कि फिलहाल बस्तर क्षेत्र से सुरक्षाबलों की वापसी नहीं होगी. उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षों में कश्मीर के बाद सबसे ज्यादा पैरामिलिट्री फोर्स यदि कहीं है तो वो बस्तर में है. इसके बावजूद नक्सली समस्या खत्म नहीं हुई है. इससे निपटने का दूसरा रास्ता सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक है और इसके लिए प्रभावितों से बात की जानी चाहिए. फिलहाल सुरक्षाबलों को हटाना नुकसानदायक हो सकता है.

मंत्रिमंडल के चयन के सवाल पर सीएम बघेल ने कहा कि सभी वरिष्ठ और अनुभवी नेता जीतकर आए हैं. लेकिन वो जानते हैं कि मुख्यमंत्री समेत 13 सदस्यों की बाध्यता है. इनमें से 3 की नियुक्ति हो गई है अब 10 और लेना है. जो नहीं बन पाएंगे दूसरे क्षेत्रों में उनके अनुभव का लाभ लिया जाएगा. उन्हें संगठन की और निगम मंडलों की जिम्मेदारी दी जाएगी.