लालू यादव के परिवार की मुश्किलों का अंत होता नहीं दिख रहा. इस बार लालू यादव के बड़े बेटे और बिहार सरकार में मंत्री तेजप्रताप पर गाज गिर सकती है. बीपीसीएल ने तेजप्रताप को दिए गए पेट्रोल पंप के डीलरशिप के संबंध में दो सवालों के जबाब मांगे हैं.
क्या है मामला?
भारत पेट्रोलियम कॉपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) तेजप्रताप यादव को दिए गए पेट्रोल पंप के डीलरशिप के लाइसेंस को रद्द कर सकती है. बीपीसीएल ने पटना के अनीसाबाद में बेउर जेल के पास पेट्रोल पंप के आवंटन के लिए 10.12.2011 को आवेदन मंगवाए थे.
इस पेट्रोल पंप के आवंटन के लिए तेजप्रताप ने भी आवेदन किया था. इस साल 27 फरवरी को तेजप्रताप को पेट्रोल पंप की डीलरशिप भी दे दी गई थी.
इसके बाद तेजप्रताप ने जिस जमीन के हवाले से यह डीलरशिप हासिल की थी वह जमीन विवादों में घिर गई. चंद्रशेखर समेत कई लोगों ने बीपीसीएल से यह शिकायत की थी कि जिस जमीन के कागजात को दिखाकर तेजप्रताप ने यह डीलरशिप हासिल की है उस जमीन का लीज उन्हें नहीं दिया गया है.
यह जमीन तेजप्रताप के छोटे भाई तेजस्वी से एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड से पट्टे पर 07.01.2012 को ली थी और फिर 11 जनवरी 2012 को तेजस्वी ने यही जमीन अपने बड़े भाई तेजप्रताप को पट्टे पर दे दी थी. बीपीसीएल को तेजप्रताप ने ये दोनों पट्टानामा दिया था.
लेकिन एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड और तेजस्वी के बीच हुए करार के मुताबिक तेजस्वी इस जमीन को किसी और को लीज पर नहीं दे सकते.
बीपीसीएल ने अपने दिए गए नोटिस में इसी पट्टेनामे पर सफाई मांगी है.
क्या हैं आरोप?
बीपीसीएल ने दिए गए नोटिस में तेजप्रताप से कहा है कि आपके ऊपर आरोप है कि आपको एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड ने इस जमीन की लीज कभी नहीं दी है और न ही आप एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के शेयरहोल्डर हैं और न ही डायरेक्टर हैं. साथ ही तेजस्वी को जो जमीन लीज पर मिली है वो ‘फैमिली यूनिट’ में भी नहीं आती है.
बीपीसीएल ने इस सवालों पर तेजप्रताप से जबाब मांगा है. इसके साथ बीपीसीएल ने यह भी कहा है कि डीलरशिप देने के प्रावधानों के अनुसार डीलर को कहीं भी नौकरी नहीं कर सकता है और उसके पास पेट्रोल पंप की व्यक्तिगत रूप से देखरेख करने का समय होना चाहिए.
इस प्रावधान में यह भी कहा गया है कि डीलरशिप मिलने पर डीलर को नौकरी छोड़नी होगी.
तेजप्रताप के ऊपर हो सकता है मुकदमा!
बीपीसीएल ने अपने भेजे गए नोटिस में तेजप्रताप से इस बात की सफाई मांगी है कि बिहार सरकर में मंत्री रहते हुए वो डीलरशिप की जिम्मेदारी कैसे निभाएंगे.
बीपीसीएल ने यह भी कहा है कि तेजप्रताप के ऊपर जो आरोप हैं वो बहुत ही गंभीर प्रवृत्ति के हैं.
इस मामले को सबसे पहले बिहार बीजेपी के नेता सुशील मोदी ने उठाया था. इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि बीपीसीएल द्वारा इस मामले में तेजप्रताप के ऊपर कार्रवाई की जा सकती है.
अगर तेजप्रताप इस नोटिस में उठाए गए सवालों का सही-सही जवाब नहीं दे पाते हैं तो उनके पेट्रोल पंप का लाइसेंस रद्द हो सकता है. इसके साथ-साथ उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है.