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बांग्लादेशी प्रधानमंत्री ने अजमेर दरगाह पर जियारत की

शेख हसीना ने दरगाह के जन्नती गेट पर नमाज अदा की और ख्वाजा के लिए फातिहा भी पढ़ा

Bhasha

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने रविवार को अजमेर स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत की और 12वीं सदी के इस सूफी की कब्र पर चादर चढ़ाई.

शेख हसीना यहां हेलीकॉप्टर से पहुंची और उनके साथ 26 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी था. वह सुबह 10:30 बजे दरगाह पर पहुंची और दरगाह की अंजुमन कमेटी के पदाधिकारियों ने उनकी अगवानी की.


उन्होंने दरगाह पर करीब 15 मिनट तक जियारत की और वहां करीब एक घंटे तक रहीं.

ख्वाजा के लिए फातिहा भी पढ़ा 

शेख हसीना ने दरगाह के जन्नती गेट पर नमाज अदा की और ख्वाजा के लिए फातिहा भी पढ़ा.

दरगाह के खादिम कलीमुद्दीन चिश्ती ने बांग्लादेशी प्रधानमंत्री को तबरूख (प्रसाद) और स्कॉर्फ भेंट किया.

अंजुमन कमेटी ने हसीना के सम्मान में एक स्वागत संबोधन दिया. वह कुछ देर के लिए सर्किट हाउस में रुकीं और दोपहर के समय अजमेर से रवाना हो गईं.

बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम मामलों के मंत्री ऐकेएम मुजम्मिल हक, जल संसाधन मंत्री अनीसुल इस्लाम महमूद और कानून मंत्री अनीसुल हक भी शेख हसीना के साथ थे.

उन्होंने 13 जनवरी, 2010 को अपने परिवार के साथ दरगाह पर जियारत की थी.