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अपने ट्वीट से आशुतोष ने केजरीवाल सरकार की कराई फजीहत!

ट्वीट में लिखा, 'बीजेपी सरकार में तेल के दाम आसमान छुएं तो कहा जाए कि राष्ट्र निर्माण में टैक्स लिया. तो कांग्रेस सरकार में टैक्स पाकिस्तान के लिये था?'

FP Staff

आम आदमी पार्टी (आप) के प्रवक्ता आशुतोष को अपने किए एक ट्वीट की वजह से काफी फजीहत का सामना करना पड़ा. आशुतोष ने ट्वीट कर मोदी सरकार की पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर खिंचाई की लेकिन उनका यह दांव खुद उनपर उल्टा पड़ गया. आशुतोष ट्विटर पर ट्रोल के शिकार हो गए.

बुधवार की सुबह आशुतोष ने ट्वीट कर कहा, 'बीजेपी सरकार में तेल के दाम आसमान छुएं तो कहा जाए कि राष्ट्र निर्माण में टैक्स लिया. तो कांग्रेस सरकार में टैक्स पाकिस्तान के लिये था?' इस पर यूजर्स ने आशुतोष की खूब खिंचाई की. एक पैरोडी अकाउंट यूजर ने लिखा, 'आप सरकार ने दो साल में दिल्ली में तेल के दाम बढ़ाए, केजरीवाल ने वो टैक्स क्या पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान का निर्माण करने के लिए था?'


जबकि, अमित नारंग नाम के एक यूजर ने लिखा, 'सर जी को बोलकर दिल्ली में पेट्रोल पर राज्य का टैक्स है वो हटवाओ' यूजर शकील अख्तर ने लिखा, 'अन्ना हजारे से यही तो माहौल बनवाया था आप लोगों ने' @ajaymaken का कहना है कि केजरीवाल और मोदी टैक्स हट जाए तो पेट्रोल 34 और डीजल 32 हो जाएगा.'

मुकेश पाठक नाम के यूजर ने आशुतोष पर निजी टिप्पणी करते हुए लिखा, 'वैसे आप भी आम आदमी पार्टी के लिए वही साबित हुए जो कांग्रेस के लिए दिग्विजय सिंह और मनीष तिवारी.'

इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम काफी कम होने के बावजूद देश में पेट्रोल 70 से 80 रुपए प्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा है. अगस्त 2014 के बाद से देश में पेट्रोल की कीमत सबसे अधिक है. जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 65 फीसदी कम हो चुकी है. पेट्रोल और डीजल की बढ़ी हुई कीमतों के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा इस पर लगाया गया अतिरिक्त टैक्स है.

3 साल में पेट्रोल पर 126%, डीजल पर 374% उत्पाद कर बढ़ा

केंद्र सरकार ने पिछले तीन साल में पेट्रोल पर उत्पाद कर 126 फीसदी बढ़ा दिया है. वहीं डीजल पर उत्पाद कर 374 फीसदी बढ़ गया है. केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली इसके लिए तर्क देते रहे हैं कि सरकार अतिरिक्त टैक्स से होने वाली आय को मूलभूत ढांचे के विकास पर खर्च करना चाहती है.

1 जुलाई से लागू हुए जीएसटी के दायरे से अब तक पेट्रोल-डीजल को बाहर रखा गया है. इनपर जीएसटी नहीं होने की वजह से विभिन्न राज्यों में अलग-अलग उत्पाद शुल्क के अलावा बिक्री कर और वैट लगता है. ये ही वजह है कि राज्यों में पेट्रोल और डीजल के दाम अलग-अलग रहते हैं.

ट्विटरबाज आशुतोष की इसलिए खिंचाई कर रहे थे क्योंकि दिल्ली की आप सरकार ने पिछली सरकार की तुलना में पेट्रोल और डीजल पर बिक्री कर और वैट की दर बढ़ा दी थी. जीएसटी के तहत सभी सेवाओं और उत्पादों पर शून्य, 5, 12, 18 और 28 फीसदी की दर से टैक्स लिया जाता है.

अगर पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाया जाएगा तो इस पर कुल टैक्स अधिकतम 28 फीसदी होगा. अगर सरकार इस पर अतिरिक्त कर भी लगाती है तो ये मौजूदा टैक्स से काफी कम होगा. एक अनुमान के मुताबिक जीएसटी के तहत आने के बाद पेट्रोल के दाम 40 रुपए प्रति लीटर से कम हो जाएगा.

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले दिनों वित्त मंत्रालय से पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की अपील की थी.