ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने मुसलमानों को राजपूतों से सबक लेने की नसीहत दे डाली है. ओवैसी ने कहा है कि अगर 4 प्रतिशत राजपूत अपने संस्कृति की रक्षा के लिए लड़ सकते हैं तो 14 प्रतिशत मुस्लिम शरीयत के लिए क्यों नहीं लड़ सकते?
राजपूतों ने दिखाया आईना
ओवैसी ने कहा, 'राजपूतों की रानी का फिल्म में गलत चित्रण कर दिया गया तो उन्होंने इसका विरोध किया और फिल्म को बैन करने की मांग की. उन्होंने थिएटर जलाने, अभिनेत्री का नाक काटने और डायरेक्टर का सिर कलम करने की धमकी दी. वो 4 प्रतिशत हैं और हम 14 प्रतिशत, लेकिन फिर भी हम असहाय हैं.'
उन्होंने आगे कहा कि राजपूतों ने मुस्लिमों को आईना दिखा दिया है. ये उनका गुस्सा है, ये उनकी ताकत है कि नाम बदलने के बावजूद भी वो फिल्म का विरोध कर रहे हैं. और हम शरीयत को बचाने के लिए क्या कर रहे हैं?
इसके पहले ओवैसी ने बीजेपी और आरएसएस को मुस्लिम और दलित विरोधी बताया था. महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक जनसभा में ओवैसी ने कहा कि बीजेपी मुस्लिम मुक्त भारत चाहती है, वहीं आरएसएस दलित मुक्त भारत चाहती है.
उन्होंने दलितों और मुस्लिमों से अपील करके जागने का आह्वान किया. उन्होंने कहा, 'मुस्लिमों और दलित को अब जागना होगा, क्योंकि बीजेपी इस देश को मुस्लिम मुक्त भारत बनाना चाहती है, वहीं आरएसएस दलित मुक्त भारत चाहती है.'
तीन तलाक बिल पर फिर बरसे ओवैसी
ओवैसी संसद में प्रस्तावित तीन तलाक बिल का विरोध करते रहे हैं. यहां उन्होंने फिर अपनी बात दोहराई. उन्होंने नरेंद्र मोदी को शरीयत का विरोधी बताते हुए कहा कि इस बिल के जरिए शरीयत को निशाना बनाना है. ओवैसी ने कहा कि तीन तलाक कानून का मकसद मुस्लिम बच्चों को जेल में डालना और मुस्लिम महिलाओं को रोड पर लाना है.
उन्होंने 15 लाख वाली बात का जिक्र करते हुए मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आप 15 लाख नहीं दे सके, तो कम से कम 15 हजार तो दे दो मित्रों...
उन्होंने आगे कहा, 'अगर मिस्टर मोदी सही में इंसाफ करना चाहते हैं तो आने वाले बजट में 2 हजार करोड़ का एक बजट बनाओ और कहो कि अगर कोई मुस्लिम मर्द अपनी बीवी को ट्रिपल तलाक देता है तो हर महीने 15 हजार रुपए देंगे.'