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ओवैसी ने पूछा- क्या मानसरोवर की सब्सिडी भी खत्म करेगी सरकार?

ओवैसी ने कहा कि वैसे भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत हज सब्सिडी 2022 तक खत्म होनी ही थी, इसलिए नरेंद्र मोदी सरकार को इसे उछालना नहीं चाहिए था

FP Staff

मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन (एमआईएम) के प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार को देश के विभिन्न हिस्सों में हिंदू तीर्थयात्रियों को दी जा रही वित्तीय सहायता और सब्सिडी को खत्म करने की चुनौती दी है.

ओवैसी ने केंद्र सरकार द्वारा हज सब्सिडी खत्म करने पर कहा कि बीजेपी, आरएसएस व अन्य संगठन महज दो सौ करोड़ रुपये पर हंगामा मचाते रहे हैं और इसे अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण करार देते रहे हैं. जबकि विभिन्न राज्यों में विभिन्न धार्मिक आयोजनों और तीर्थयात्राओं पर हजारों करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं.


ओवैसी ने कहा कि वैसे भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत हज सब्सिडी 2022 तक खत्म होनी ही थी, इसलिए नरेंद्र मोदी सरकार को इसे उछालना नहीं चाहिए था. उन्होंने पूछा कि क्या केंद्र और राज्यों की भाजपा सरकारें अन्य सब्सिडी को भी इसी तरह समाप्त करेंगी?

ओवैसी ने कहा कि मैं बीजेपी, प्रधानमंत्री और आरएसएस से पूछ रहा हूं कि अगर हज सब्सिडी तुष्टिकरण है तो 2014 के कुंभ मेले के लिए दिए गए 1150 करोड़ रुपए, मोदी सरकार द्वारा बीते साल सिंहस्थ महाकुंभ के लिए मध्य प्रदेश सरकार को दिए गए 100 करोड़ रुपए और इसी के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा खर्च किए गए 3400 करोड़ रुपए क्या हैं?

ओवैसी ने उत्तर प्रदेश सरकार को मानसरोवर यात्रा के लिए हर तीर्थयात्री को दी जाने वाली डेढ़ लाख रुपए की सब्सिडी को खत्म करने की चुनौती दी. उन्होंने कहा, 'कर्नाटक की कांग्रेस सरकार चार धाम यात्रा पर जाने वाले को 20 हजार रुपए देती है. क्या यह बहुसंख्यकों का तुष्टिकरण नहीं है?'

उन्होंने कहा कि गुजरात में राज्य सरकारें लंबे समय से हिंदू पुजारियों को धन दे रही हैं. उन्होंने पूछा कि क्या यह तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति नहीं है? उन्होंने पूछा कि हरियाणा सरकार ने डेरा सच्चा सौदा को एक करोड़ रुपए क्यों दिए थे? क्या यह चुनावी तुष्टिकरण के लिए थे?

ओवैसी ने कहा कि वह साल 2006 से हज सब्सिडी को खत्म करने के लिए कहते आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस पैसे को मुस्लिम अल्पसंख्यकों के बच्चों, खासकर लड़कियों के वजीफे पर खर्च करना चाहिए.

(साभार- न्यूज18)