एमसीडी चुनाव से पहले कांग्रेस को दिल्ली में जोरदार झटका लगा है. दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने कांग्रेस का हाथ झटक कर बीजेपी का दामन थाम लिया है. बीजेपी के दिल्ली के पार्टी दफ्तर में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली है. लवली के साथ ही दिल्ली कांग्रेस यूथ विंग के वर्तमान अध्यक्ष अमित मलिक भी बीजेपी में शामिल हो गए हैं. माना जा रहा है कि विजय गोयल ने लवली की नई पारी में बड़ी भूमिका अदा की है.
अरविंदर सिंह लवली का दिल्ली कांग्रेस में बड़ा कद है. अरविंदर सिंह लवली न सिर्फ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं बल्कि दिल्ली के शिक्षा मंत्री भी रहे हैं. लवली को शीला दीक्षित गुट का माना जाता है.
बीजेपी में शामिल होने के बाद फर्स्टपोस्ट से बातचीत में अरविंदर सिंह लवली ने कहा कि "मैं पिछले दो साल से पार्टी में घुटन महसूस कर रहा था. पार्टी अपनी नीतियों और आदर्शों से भटक रही थी"
जाहिर तौर पर लवली का इशारा दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन की तरफ था. अजय माकन के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद से ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक धड़े में असंतोष पनप रहा था. जिसके बाद एमसीडी चुनाव के टिकट बंटवारे ने बगावती सुरों को उजागर कर दिया. दिल्ली की शीला सरकार में 15 साल से मंत्री रहे डॉ अशोक कुमार वालिया भी अपने इलाके में उम्मीदवार के टिकट बदले जाने से नाराज थे. उनके पसंदीदा उम्मीदवार का टिकट कटने के बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने तक की धमकी दे डाली थी.
हारून युसूफ और अरविंदर सिंह लवली ने भी डॉ अशोक वालिया का समर्थन किया था. इससे पहले कांग्रेस विधायक और विधानसभा के उपाध्यक्ष अंबरीश गौतम भी टिकट बंटवारे से नाराज हो कर बीजेपी में शामिल हो गये थे.
वहीं, बीजेपी का कहना है कि पीएम मोदी से प्रभावित हो कर लोग दूसरे दलों को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं.
सूत्रों के मुताबिक आने वाले समय में कांग्रेस को झटकों के लिये तैयार रहना होगा. डॉ अशोक वालिया के भी बीजेपी में जाने की सुगबुगाहट तेज होती दिख रही है.
ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि दिल्ली में अपनी खोई जमीन हासिल करने की जुगत में जुटी कांग्रेस अपने ही नेताओं को खोने की कगार पर जा पहुंची है जिससे कांग्रेस के लिए एमसीडी का चुनाव मुश्किल भरा हो सकता है.