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केजरीवाल ने दिया शाह को ओपन चैलेंज फॉर ओपन डीबेट!

केजरीवाल ने अमित शाह से कहा, मैं आपको चैलेंज देता हूँ. आइए इसी राम लीला मैदान में इस पर एक खुली बहस हो जाए-दिल्ली की सारी जनता के सामने

FP Staff

आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल और बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह के बीच बीते रविवार हुई बहस के बाद केजरीवाल ने शाह को चुनौती दी है. केजरीवाल ने कहा कि अगर हमारी सरकार और केंद्र की बीजेपी सरकार के कामों की तुलना करनी है तो शाह मुझसे सार्वजनिक रूप से बहस करें.

रविवार सुबह रामलीला मैदान में बीजेपी रैली को संबोधित करते हुए  शाह ने आप के नेता को साढ़े तीन साल के शासनकाल के दौरान नई दिल्ली के विकास को रोकने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा, केजरीवाल का केवल एक मंत्र है  ' बार-बार झूठ बोलना' .


शाह की इस बात पर अपनी नाराजगी जताते हुए केजरीवाल ने सोशल मीडिया के सहारे कहा, अमित शाहजी, इन चार वर्षों में हमारी सरकार ने मोदीजी की सरकार से 10 गुना अधिक काम किया है.मोदी जी ने जितने जनविरोधी और ग़लत काम किए, हमने एक भी ऐसा काम नहीं किया.

मैं आपको चैलेंज देता हूँ. आइए इसी राम लीला मैदान में इस पर एक खुली बहस हो जाए-दिल्ली की सारी जनता के सामने.

केजरीवाल ने 14वें वित्त आयोग के तहत राज्य को मिलने वाले पंड के ऊपर भी बीजेपी से सवाल किए , केजरीवाल ने शाह से पूछा, 'आपने दिल्ली को 14वें वित्त आयोग में कितने रुपये दिये? मात्र 325 करोड़? दिल्ली में भी तो पूर्वांचल के लोग रहते हैं। उनके विकास के लिए क्यों नहीं पैसे दिए? दिल्ली में रहने वाले पूर्वांचल के लोगों के ख़िलाफ़ केंद्र सरकार का भेदभाव क्यों?'

हालांकि बीजेपी अध्यक्ष ने दावा किया कि मोदी सरकार ने पिछले चार वर्षों में दिल्ली को 13.8 करोड़ रुपए दिए हैं. इस पर सवाल उटाते हुए केजरीवाल ने शहर में खराब स्वच्छता स्तर और कानून-व्यवस्था की स्थिति की ओर इशारा किया. जबकि दिल्ली में स्वच्छता बीजेपी नियंत्रित नागरिक निकायों के अधीन आती है, इसकी पुलिस बल केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रित होती है.

मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, 'दिल्ली के लोगों ने आपको केवल दो कर्तव्यों - पुलिस और स्वच्छता के साथ सौंपा था - और आपने दोनों को ही खराब कर दिया है. आप दिल्ली को साफ रखने और न ही पुलिस के कार्यों को सही तरीके से करने में सक्षम हैं.

दूसरी तरफ हमें दिल्ली वालों ने बिजली, पानी, शिक्षा और अस्पतालों की ज़िम्मेदारी दी थी. इनमें हुए अच्छे कामों का डंका आज पूरी दुनिया में बज रहा है.