दिल्ली सरकार को धरने पर बैठे 72 घंटे हो गए. एलजी हाउस में गेस्ट के लिए बने एक छोटे से कमरे में दिल्ली की आधी कैबिनेट चल रही है. इसी कमरे से सरकारी फाइलें निपटाई जा रही हैं. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हों या उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, उन्हें सोने के लिए फर्नीचर के नाम पर एक सोफा और कुछ कुर्सियां नसीब हैं. इसी गेस्ट रूम में बस एक वॉशरूम है जिसका उपयोग धरने पर बैठे मुख्यमंत्री या दिल्ली सरकार के मंत्री कर रहे हैं.
राजनिवास (एलजी हाउस) के बाहर कुछेक कर्मचारी हैं जो धरने पर बैठे नेताओं तक संदेश पहुंचा रहे हैं या कुछ सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस की खबर बताती है कि सोमवार को अरविंद केजरीवाल एंड कंपनी ने जब राजनिवास के गेस्ट हाउस में प्रवेश किया तो लोगों को यह तो लग गया कि अब एलजी बनाम दिल्ली सरकार में दो-दो हाथ तय है लेकिन किसी ने यह भरोसा नहीं किया था कि धरना अनिश्तिकाल के लिए टिक जाएगा.
सूत्रों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि पिछले चार दिन से आप नेताओं ने नहाया तक नहीं है. बाहर से उनके लिए टूथब्रश वगैरह भेजे गए हैं. बाथरूम एक होने की वजह से सभी एक-एक कर फ्रेश हो रहे हैं.
सूत्र ने बताया, धरने में शामिल सभी नेता अल सुबह उठने वाले हैं लेकिन उन्हें पर्याप्त नींद नहीं मिल पा रही. गोपाल राय को शुरू से पीठ में परेशानी है, इसलिए उन्हें ज्यादा दिक्कत आ रही है. आप नेता देर रात तक आपस में बात करते हैं, रणनीति बनाते हैं और फिर एलजी को पत्र लिखते हैं.
दूसरी ओर एलजी अनिल बैजल ने बुधवार को केंद्रीय गृह सचिव राजीव गाबा से मिलकर राष्ट्रीय राजधानी की राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा की. सूत्रों ने बताया कि बैजल बुधवार को अपने कार्यालय नहीं पहुंचे.
उधर केजरीवाल ने ट्विटर के जरिए आरोप लगाया कि बीजेप की केंद्र सरकार आईएएस अधिकारियों को निर्वाचित सरकार के खिलाफ विद्रोह करने के लिए उकसा रही है. आप सरकार की मांगों में यह भी शामिल है कि उपराज्यपाल आईएएस अधिकारियों को उनकी ‘हड़ताल ’ समाप्त करने का निर्देश दें और उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें जिन्होंने चार महीने से काम को ‘रोक’ रखा है.
बीजेपी विधायक और सीएम हाउस में धरने पर बैठे विजेंद्र गुप्ता ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि उनकी पार्टी ने दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री, उसके मंत्रियों का पर्दाफाश करने का फैसला किया है. गुप्ता ने कहा, सीएम केजरीवाल ने धरना दिल्ली के लोगों का ध्यान भटकाने के लिए किया है. दिल्ली में पानी और बिजली का घोर संकट है, नालों की सफाई भी नहीं हुई लेकिन मुख्यमंत्री और उनके कबीना मंत्री पिछले तीन दिनों से एलजी हाउस में धरने पर बैठे हैं.
गुप्ता ने पूछा, अगर सरकार ही धरने पर बैठ जाए तो काम कौन करेगा. धरना प्रदर्शन करना विपक्ष का काम है न कि सरकार का.