दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल दस दिन विपश्यना करेंगे, यानी मौन साधना में रहेंगे. इस दौरान वो ना तो अखबार पढ़ सकेंगे और ना ही कोई किताब, सिर्फ ध्यान करेंगे. इसके लिए वह दिल्ली की गद्दी से 10 से 20 सितंबर तक छुट्टी लेकर महाराष्ट्र जाएंगे.
विपश्यना के लिए करीब 10 दिन तक लगातार बैठकर ध्यान करना होता है. मौन रहना होता है. इस दौरान बाहरी दुनिया से कोई संपर्क नहीं होता है. फोन पर बात भी नहीं कर सकते. केजरीवाल को भी इस नियम का पालन करना होगा. तो दस दिन तक उनका ट्विट शायद ही देखने को मिले.
विपश्यना स्वयं को देखने, स्वयं को समझने और स्वयं के साथ संपूर्ण रूप से रहने की पद्धति है. इसके तीन सोपान होते हैं. पहला साधक को उन कामों से दूर रहना पड़ता है, जिनसे उसकी हानि होती है. इसके लिए वो पांच शील पालन करने का व्रत लेता है.
हिंसा, चोरी, झूठ बोलना, अब्रह्मचार्य और नशे से विरक्त रहना पड़ता है. इससे मन को नियंत्रित करना आसान हो जाता है. केजरीवाल कोई पहली बार विपश्यना के लिए नहीं जा रहे. पिछले साल भी वह 10 दिन के लिए गए थे. इससे उन्हें मानसिक शांति और काम करने की ताकत मिलती है.
हालांकि देखना यह है कि क्या मानसिक शांति लेकर आने के बाद केजरीवाल एलजी के साथ मिलकर शांति से काम करेंगे या फिर गुजरात चुनाव के लिए अपनी ताकत सियासत में लगाएंगे. दिल्ली के बवाना विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में जीत के बाद उनके हौसले पहले से ही बुलंद हैं. पार्टी गुजरात विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है.
(साभार न्यूज़ 18)