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विजय माल्या मामले पर राहुल गांधी: जेटली सब जानते हुए भी क्यों चुप रहे

राहुल गांधी ने कहा कि अगर माल्या ने जेटली से मुलाकात की थी तो वह ढाई साल तक क्यों चुप रहे

FP Staff

राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत अरुण जेटली और माल्या के रिश्ते से की. राहुल गांधी ने कहा कि आमतौर पर जेटली लंबा ब्लॉग लिखते हैं लेकिन ऐसा क्या हुआ कि कल (12 सितंबर) को उन्होंने छोटा सा ब्लॉग लिखकर यह बताया कि विजय माल्या ने उन्हें जबरदस्ती पकड़ा. राहुल गांधी ने कहा कि पीएन पुनिया ने खुद अरुण जेटली और विजय माल्या बातचीत करते हुए देखा.

क्या कहा पुनिया ने?


पुनिया ने कहा, 2016 के बजट सत्र के पहले दिन मैंने अरुण जेटली और विजय माल्या को एकसाथ खड़े होकर बात करते देखा. वो अंतरंग तरीके से बात कर रहे थे. सेंट्रल हॉल में करीब 5-7 मिनट तक उनकी बातचीत चलती रही.

1 जनवरी को विजय माल्या फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली से मुलाकात करते हैं. उसके बाद 3 जनवरी को यह खबर आती है कि 2 जनवरी को माल्या देश छोड़कर भाग चुके हैं. पुनिया ने कहा, यह खबर पढ़कर मैंने हैरानी से कहा, 'अरे दो दिन पहले तो यह अरुण जेटली से मिले थे.' उन्होंने आगे यह कहा कि तब से लेकर अब तक मेरे किसी भी मीडिया बाइट को देख लीजिए, मैं लगातार यह कह रहा हूं कि विजय माल्या अरुण जेटली से मिले थे.

पुनिया ने कहा, मेरी चुनौती है कि वह सीसीटीवी फुटेज चेक करें. अगर मेरी बात सच साबित होती है तो वो राजनीति छोड़ दें या मैं राजनीति छोड़ दूंगा. वह पहली जनवरी को आए. रजिस्टर में साइन किया कि वह जेटली से मिलना चाहते हैं. उनसे मिलकर लंदन भाग गए. पुनिया ने कहा, 'मेरा मानना है और मेरा आरोप है कि जेटली ने माल्या से कहा कि आप लंदन चले जाइए.'

राहुल गांधी का हमला

फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली एक भगोड़े से मिलते हैं. राहुल ने कहा, जेटली जी कहते हैं कि माल्या ने उन्हें पीछे से पकड़कर बताया कि वह लंदन जा रहे हैं. अगर माल्या ने यह बताया था कि वह लंदन जा रहे हैं तो वह पिछले ढाई साल तक क्यों चुप रहे. ईडी, पुलिस और सीबीआई कोई भी माल्या के खिलाफ काम नहीं कर रहा है. माल्या के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया था. उसे बदलवाकर लुक फॉर नोटिस कर दिया गया. यह किसने किया? माल्या को भागने का रास्ता किसने दिया? अरुण जेटली यह साफ करें कि क्या उन्होंने अपनी मर्जी से यह किया या ऐसा करने के लिए उनपर ऊपर से दबाव था.