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अरुण जेटली ने लोकसभा में पेश किया फाइनेंस बिल 2017

विपक्षी दलों ने ज्यादा संख्या में संशोधन पेश किए जाने का किया कड़ा विरोध

FP Staff

केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को फाइनेंस बिल 2017 लोकसभा में पेश किया. उन्होंने कहा कि चूंकि इसमें चुनावी बॉन्ड के प्रोविजन शामिल हैं, इसलिए इसे फाइनेंस बिल माना जाना चाहिए और इस पर केवल लोकसभा में ही बहस हो सकती है.अगले फाइनेंशियल इयर के लिए सरकार के फाइनेंशियल प्रस्तावों को ही सामान्यत: फाइनेंस बिल माना जाता है.

जानें इससे जुड़ी 10 खास बातें


  •  विपक्षी दलों ने सरकार की तरफ से इतनी ज्यादा संख्या में संशोधन पेश किए जाने का विरोध किया. कुल 40 संशोधनों के प्रस्ताव लोकसभा में पेश किए.
  • नकद लेन-देन की सीमा 3 लाख रुपए से घटाकर 2 लाख रुपए करने का प्रस्ताव रखा गया. एक फरवरी को पेश बजट में यह सीमा 3 लाख रुपए रखने का प्रस्ताव रखा गया था.
  • राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने ट्वीट किया कि इस प्रावधान का उल्लंघन करने पर उतनी ही राशि का जुर्माना वसूला जाएगा.
  • कंपनी कानून, कर्मचारी भविष्य निधि कानून, तस्करी और विदेशी विनिमय कानून, ट्राई कानून और सूचना प्रौद्योगिकी कानूनों में संशोधन का प्रस्ताव.
  • वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि राजनीतिक चंदे को साफ-सुथरा बनाने के लिए निर्वाचन बॉन्ड का प्रस्ताव किया गया है क्योंकि काफी सारा धन अज्ञात स्रोत से आता है.