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मोदी सरकार की आलोचनाओं पर जेटली ने लिखा ब्लॉग, विपक्ष को कहा- 'Compulsive Contrarians'

अरुण जेटली ने बिना किसी पार्टी का नाम लिए विपक्ष पर झूठे तर्क गढ़ने और लोकतंत्र को बरबाद करने का आरोप लगाया है

FP Staff

मोदी सरकार के आलोचकों को ‘बात बात पर विरोध करने वाला’ (Compulsive Contrarians) बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को उन पर झूठ गढ़ने और एक संप्रभु निर्वाचित सरकार को कमजोर करके लोकतंत्र को बर्बाद करने का आरोप लगाया.

मेडिकल चेकअप के लिए अचानकर अमेरिका गए जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि अभिव्यक्ति की आजादी और असहमत होने का अधिकार लोकतंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, न कि झूठ, बर्बादी और संस्थाओं की तबाही.


मंत्री ने उन लोगों पर निशाना साधा जो मानते हैं कि ‘यह सरकार कुछ अच्छा नहीं कर सकती.’ उन्होंने कहा कि सकारात्मक मानसिकता और राष्ट्रीय शक्ति से राष्ट्र का निर्माण होता है ना कि ‘बात बात पर विरोध करने वालों से.’

‘बात-बात पर विरोध और गढ़े हुए तर्क’ (द कम्पल्सिव कंट्रारियन एंड हिज मैन्युफैक्चर्ड लॉजिक) टाइटल से जेटली ने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘बार बार झूठ गढ़ने का कोई अफसोस नहीं होता. अगर वे देश के आम हित के खिलाफ चले जाते हैं तो वे तर्क भी गढ़ सकते हैं. वे भ्रष्टाचार के रूप में धर्मयुद्ध का स्वांग रच सकते हैं. अपनी सहूलियत के हिसाब से वे दोहरे मानदंड अपना सकते हैं.’

आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण और राफेल रक्षा सौदे समेत कई मुद्दों पर राजनीतिक दलों की निंदा का हवाला देते हुए जेटली ने कहा कि ‘बात बात पर विरोध करने वालों’ का मानना है कि नरेंद्र मोदी की सरकार के हर कदम का विरोध होना चाहिए.

उन्होंने जस्टिस लोया मामला, सीबीआई मुद्दा, आरबीआई चर्चा, न्यायिक सक्रियता से जुड़े अन्य मुद्दों का जिक्र करते हुए कहा कि आलोचकों ने किस तरह से सरकार के खिलाफ अभियान चला रखा है.

कांग्रेस या किसी अन्य विपक्षी दल का नाम लिए बिना जेटली ने कहा, ‘राजनीतिक व्यवस्था में कुछ लोग हैं जो सोचते हैं कि उनका जन्म सरकार चलाने के लिए हुआ है. जो लोग वैचारिक रूप से वामपंथ और अतिवामपंथ का हिस्सा रहे हैं उनके लिए जाहिर तौर पर एनडीए सरकार पूरी तरह से अस्वीकार्य है. इसलिए बात-बात पर विरोध करने वाला नया वर्ग उभरता है जो लगातार दुष्प्रचार करता है.’

मंत्री ने कहा कि वे जनता का सशक्तिकरण या देश को मजबूत करने वाले हर प्रस्ताव में कमियां निकालते हैं, चाहे वह गरीबों को 10 प्रतिशत आरक्षण हो, आधार, नोटबंदी, जीएसटी, सीबीआई से जुड़े मुद्दे हों, आरबीआई और सरकार के बीच संबंध, राफेल विमान या जस्टिस लोया का मामला हो.

जेटली ने लिखा, ‘ये कदम बात-बात पर विरोध करने वालों की मानसिकता बताता है. संप्रभु निर्वाचित सरकार को कमजोर करने और निर्वाचन के लिए अयोग्यों को मजबूत करने से लोकतंत्र बर्बाद होता है.’

उन्होंने सवाल किया, ‘क्या लेफ्ट लिबरल्स को आजादी के संग्राम के दौरान गांधीजी के उठाए कई कदमों में खामियां नजर नहीं आई थीं?’

जस्टिस लोया की असामयिक मौत को लेकर विवाद के संदर्भ में जेटली ने कहा कि बात-बात पर विरोध करने वालों की ओर से सार्वजनिक रूप से कथित रूप से रखे गये हर तथ्य ‘गढ़े हुए’ हैं. उन्होंने कहा कि जस्टिस लोया की दिल का दौरा पड़ने से स्वाभाविक मौत हुई थी.

आलोचकों पर राफेल विमान सौदे में झूठ गढ़ने का आरोप लगाते हुए मंत्री ने कहा, ‘‘इस समझौते में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के हजारों करोड़ रुपये बचाने का श्रेय देना चाहिए.’’

(न्यूज एजेंसी से इनपुट के साथ)