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बीजेपी से समझौता न होने से अपना दल ने निकाय चुनाव लड़ने से इनकार किया

अपना दल (एस) स्थानीय निकाय चुनाव में इलाहाबाद, मिर्जापुर, सोनभद्र, मऊ, प्रतापगढ़, कानपुर, जालौन और रायबरेली से अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारना चाहती थी

Bhasha

उत्तर प्रदेश में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और अपना दल (सोनेलाल) के बीच सीट बंटवारे पर कोई समझौता नहीं हो सकने से नाराज अपना दल (एस) ने विरोधस्वरूप चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है.

अपना दल (एस) के प्रवक्ता अरविंद शर्मा ने बताया कि 'पार्टी इलाहाबाद नगर निगम के मेयर पद के साथ साथ राज्य की विभिन्न नगर पंचायतों और नगर पालिकाओं में चेयरमैन एवं सभासद के पद पर चुनाव लड़ना चाहती थी. इस बारे में दो दिन पहले बीजेपी को पार्टी प्रत्याशियों की सूची दे दी गई थी लेकिन उसने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया.' शर्मा ने कहा कि अपना दल (एस) ने फैसला किया है कि वह विरोधस्वरूप उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय चुनाव नही लड़ेगी. यह एक सम्मानजनक विरोध होगा.


उन्होंने कहा कि पार्टी की जिला इकाइयों को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में उतरने की इजाजत है.

अपना दल (एस) स्थानीय निकाय चुनाव में इलाहाबाद, मिर्जापुर, सोनभद्र, मऊ, प्रतापगढ़, कानपुर, जालौन और रायबरेली से अपनी पार्टी के प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारना चाहती थी.

गौरतलब है कि वर्ष 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने सहयोगी दलों अपना दल (एस) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के साथ चुनाव लड़ा था और 403 विधानसभा सीटों में से 325 सीटें जीतकर जबरदस्त जीत हासिल की थी. बीजेपी ने 312 सीटों पर, अपना दल (एस) ने नौ सीटों पर तथा सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी ने चार सीटों पर जीत हासिल की थी.