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बेटे का नाम लेने पर नायडू ने PM मोदी पर किया पलटवार, 'आपने तो अपनी पत्नी तक को छोड़ दिया'

प्रधानमंत्री मोदी पर हमला करते हुए नायडू ने कहा, ‘आपने तो अपनी पत्नी को छोड़ दिया. क्या परिवार नाम की व्यवस्था के प्रति आपके मन में कोई सम्मान है.’

Bhasha

राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप और बयानबाजी का स्तर चुनावों के नजदीक आते ही और गिरने लगता है. अब लोकसभा चुनाव में ज्यादा समय नहीं बचा है तो इसका उदाहरण फिलहाल भारतीय राजनीति में छोटे से छोटे कार्यकर्ता से लेकर राज्यों के मुख्यमंत्री और देश के प्रधानमंत्री तक पेश कर रहे हैं.

रविवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुंटूर में एक रैली में उन्हें ‘लोकेश का पिता’ कह कर संबोधित किए जाने पर पलटवार करते हुए कहा है कि आप (मोदी) ने तो अपनी पत्नी को छोड़ दिया है. टीडीपी (तेलुगू देशम पार्टी) प्रमुख ने कहा कि लेकिन वह अपने परिवार से प्यार करते हैं और उसका सम्मान करते हैं.


आपने तो अपनी पत्नी को छोड़ दिया मोदी जी

नायडू ने कहा, ‘(लेकिन)आपने तो अपनी पत्नी को छोड़ दिया. क्या परिवार नाम की व्यवस्था के प्रति आपके मन में कोई सम्मान है.’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का ना तो कोई परिवार है, और ना ही कोई बेटा. नायडू ने विजयवाड़ा में एक जनसभा में कहा, ‘क्योंकि आपने मेरे बेटे का जिक्र किया है, इसलिए मैं आपकी पत्नी का जिक्र कर रहा हूं. लोगों..क्या आप जानते हैं कि नरेंद्र मोदी की एक पत्नी भी हैं? उनका नाम जशोदाबेन है.’

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी पर अपना हमला जारी रखते हुए उन पर देश और सभी संस्थाओं को बर्बाद करने का आरोप लगाया. आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा होने के बाद शुरुआत में उसका स्वागत करने वाले नायडू ने अब इसे तुगलकी फैसला करार दिया है.

मोदी प्रधानमंत्री बनने लायक नहीं हैं

उन्होंने कहा, ‘उन्होंने (मोदी ने) 1000 रुपए के नोट चलन से बाहर कर दिए लेकिन 2000 रुपए के नोट ले आए. इससे भ्रष्टाचार कैसे खत्म होगा.’ बता दें कि टीडीपी ने आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद राज्य के साथ हुए अन्याय का विरोध करते हुए पिछले साल मार्च में एनडीए गठबंधन छोड़ दिया था. नायडू ने आरोप लगाया कि विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस ने प्रधानमंत्री की गुंटूर रैली के लिए भीड़ जुटाई थी क्योंकि राज्य में बीजेपी का जनसमर्थन पूरी तरह से खत्म हो गया है.

नायडू ने बाद में पार्टी नेताओं से कहा, ‘यह एक बार फिर से तय हो गया है कि तेलुगू लोग उन्हें सबक सिखाएंगे, जिन्होंने उनके साथ विश्वासघात किया है.’उन्होंने कहा, ‘हमने जो वापस जाओ का नारा लगाया उसमें आपसे गुजरात स्थित अपने गांव वापस जाने को कहा क्योंकि आप प्रधानमंत्री होने के योग्य नहीं है.’’