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महिला ने ट्रेन के टॉयलेट में नवजात को किया फ्लश, रेलवे कर्मचारी ने बचाई जान

जब सफाई कर्मियों को बच्चा मिला तो उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था

FP Staff

'जाको राखे साइंया मार सके न कोय'. इस कहावत का जीता जागता उदाहरण एक दिन का वो नवजात शिशु है जिसे ट्रेन के एक टॉयलट में फ्लश कर दिया गया मगर उसके बावजूद उसे सुरक्षित बचा लिया गया. बच्चे को बचाने वाले रेलवे के सफाई कर्मचारी है.

यह घटना शनिवार की है. जानकारी के मुताबिक सफाई कर्मचारियों को हावड़ा एक्सप्रेस के D-3 कंपार्टमेंट में फल्श किया हुआ बच्चा मिला. बच्चे की गर्दन दुप्पटे से बंधी हुई थी. उन्होंने बच्चे को बहार निकाला और अस्पताल में भर्ती कराया. इसके बाद उन्होंने पुलिस को भी मामले की जानकारी दी.


हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जब सफाई कर्मियों को बच्चा मिला तो उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था. अमृतसर रेलवे स्टेशन पर सफाई का काम देखने वाले साभी ने कहा कि 'करीब दोपहर ढाई बजे के करीब उनके पास फोन आया कि ट्रेन में एक नवजात बच्चे का शव मिला है. वो तुरंत उस ट्रेन में गए जहां उन्होंने एसी के डी-3 कंपार्टमेंट के टॉयलेट में फ्लश किया हुआ बच्चा देखा.' उन्होंने कहा, 'दुपट्टे का एक हिस्सा टॉयलेट के बाहर लटक रहा था. जब हमने दुपट्टे को खींचा तो बच्चा बाहर निकला.' साभी ने कहा कि वो ये देखकर दंग रह गए थे कि बच्चा उस हालत में भी जिंदा था.

इसके बाद बच्चे को साफ करके अस्पताल ले जाया गया. रिपोर्ट के मुताबिक डॉक्टर संदीप ने बताया कि 'जब बच्चे को एडमिट किया गया तो उसका शरीर ठंड से कांप रहा था. हमने तुरंत उसे गर्माहट देने के लिए हीटर के सामने रखा.' फिलहाल चार डॉक्टरों की एक टीम बच्चे का इलाज करने में लगी हुई है. बच्चा अभी खतरे से बाहर है.

इस मामले में पुलिस ने बताया कि ट्रेन अमृतसर रेलवे स्टेशन पर सुबह करीब 10.30 बजे पहुंची. इसके बाद सफाई के लिए चली गई. पुलिस ने बताया कि बच्चा शायद चार घंटे से टॉयलेट में फंसा हुआ था. उन्होंने कहा कि IPC की धारा 317 के तहत अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. मामले की जांच के लिए अलग-अलग स्टेशन के सीटीवी फुटेज चेक किए जा रहे हैं.

कौन था इस घटना के पीछे?

वहीं दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे को टॉयलट में फ्लश करने वाली कोई और नहीं, बल्कि खुद उसकी मां थी. रिपोर्ट में बताया गया है कि शुक्रवार रात बच्चे को जन्म देने के बाद मां ने उसे टॉयलट के फ्लश में ठूंस दिया. हेल्दी होने के कारण फ्लश करने के बावजूद बच्चा ट्रेन से नीचे नहीं गिरा और फ्लश पाइप में ही करीब 12 घंटे तक फंसा रहा.