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अमित शाह का केरल दौरा: अल्पसंख्यकों को लुभाने की तैयारी में बीजेपी

भाजपा अध्यक्ष कोच्चि में अल्पसंख्यक समुदाय के साथ संपर्क के लिए पार्टी के प्रयासों को का जायजा लेंगे

Bhasha

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शुक्रवार से तीन तीन दिवसीय केरल दौरे पर हैं. केरल पहुंचने के बाद उन्होंने कोच्चि में पार्टी कोर कमेटी की बैठक में हिस्सा भी लिया है.

उनका यह दौरा राज्य में अपने पार्टी को 2019 के लोक सभा चुनावों से पहले मजबूत करने के मद्देनजर महत्त्वपूर्ण है.


अमित शाह का यह दौरा युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा 27 मई को एक बछड़े का सार्वजनिक रूप से वध किए जाने के बाद हो रहा है. वो यह मुद्दा अपनी पार्टी के जनाधार को मजबूत बनाने के लिए उठा सकते हैं.

गौरतलब है कि 26 मई को पर्यावरण मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर पशु बाजारों में वध के उद्देश्य से मवेशियों की खरीद-बिक्री पर पाबंदी लगा दी थी. इस पाबंदी के बाद बड़े पैमाने पर राजनीतिक और गैर-राजनीतिक लोगों ने इसका विरोध शुरू कर दिया था.

इसाई समुदाय के नेताओं से करेंगे मुलाकात

अमित शाह ईसाइयों के एक तबके को आकर्षित करने के अपने प्रयासों के तहत इस यात्रा के दौरान बिशपों (धर्माध्यक्ष) से भी मुलाकात करेंगे. ध्यान रहे कि केरल में देश के सबसे ज्यादा इसाई निवास करते हैं. उनकी जनसंख्या 61 लाख से ज्यादा है जो कुल जनसंख्या का तकरीबन 18 प्रतिशत है.

भाजपा अध्यक्ष कोच्चि में बिशपों से मिलने के बाद अल्पसंख्यक समुदाय के साथ संपर्क के लिए पार्टी के प्रयासों का जायजा लेंगे.

पार्टी संगठन को मजबूत करना है मकसद

राज्य में पार्टी मामलों के प्रभारी एच राजा ने कहा कि बैठक का मकसद ‘एक दूसरे को समझना’ है. उन्होंने कहा कि शाह अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान पार्टी संगठन को मजबूती और विस्तार देने की कार्य योजना का निरीक्षण करेंगे.

पशुओं की बिक्री पर रोक के केंद्र के फैसले के खिलाफ पिछले हफ्ते युवा कांग्रेस के नेताओं द्वारा एक बछड़े का वध किए जाने के बाद इस मुद्दे पर कांग्रेस बैकफुट पर है. वध करने वाले कार्यकर्ताओं को निलंबित किये जाने की भी खबर है.

सीएम और कांग्रेस पर बोल सकते हैं हमला

इस मुद्दे को लेकर भाजपा अध्यक्ष कांग्रेस पर हमला बोल सकते हैं. साथ ही मुख्यमंत्री पिनारी विजयन के भी उनके निशाने पर होने की पूरी संभावना है.

शाह भाजपा के नेताओं के साथ ही विभिन्न समुदायों के नेताओं और राज्य के अन्य प्रभावशाली लोगों से भी मिलेंगे.

राज्य में बहुत हैं बीफ के शौकीन

हालांकि पार्टी के लिए इस राज्य में स्थिति जटिल हो सकती है क्योंकि राज्य में बीफ बड़े चाव से खाया जाता है और इस मुद्दे पर सख्त रुख से पार्टी को फायदा से ज्यादा नुकसान की संभावना है, खासतौर से ऐसे समय जब वह ईसाइयों को अपनी ओर आकर्षित करने का प्रयास कर रही है.

राज्य में पार्टी के विस्तार के लिए अल्पसंख्यकों के वोट बेहद महत्वपूर्ण हैं क्योंकि यहां वो कुल जनसंख्या का लगभग 45 प्रतिशत हैं.

पार्टी को राज्य में हुए पिछले विधानसभा चुनाओं में 18 प्रतिशत वोट मिले थे हालांकि सीट एक ही आई थी.