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अगर चायवाला पीएम बन सकता है पकौड़े वाले के लिए भी अपार संभावना है!

शाह ने कहा पकौड़े वाले की तीसरी पीढ़ी भी जब आएगी तो वह बेरोजगार नहीं होगी

Amitesh

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने पकौड़े बेचने को रोजगार से जोड़ने वाले बयान का बचाव किया है. प्रधानमंत्री ने एक साक्षात्कार के दौरान कुछ दिन पहले कहा था कि एक पकौड़े वाला अगर पकौड़ा बेचकर पैसा कमाता है तो क्या उसे रोजगार की श्रेणी में नहीं माना जाएगा.

बस प्रधानमंत्री का बयान क्या सामने आया इस पर विपक्षी दलों की तरफ से व्यंग्य वाण चलने शुरू हो गए. बेरोजगारी के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने में लगे विपक्ष ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया. सोशल मीडिया पर भी पकौड़े वाले बयान को लेकर बहस तेज हो गई.


लेकिन, राज्यसभा में बतौर सांसद अपने पहले भाषण में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष के बनाए माहौल की हवा निकालने की कोशिश की. शाह ने कहा कि पकौड़े बनाना कोई शर्म की बात नहीं है. चाय वाला देश का प्रधानमंत्री बन गया, तो पकौड़े वाले की तीसरी पीढ़ी भी जब आएगी तो वह बेरोजगार नहीं होगी.

बीजेपी अबतक प्रधानमंत्री मोदी को चाय वाला बताकर आम लोगों और खासकर गरीब तबके को अपने साथ जोडने की कोशिश करती रहती है. अब पकौड़े वालों को भी शाह ने सपना दिखाया है. सपना है चाय वाले मोदी की तरह ही देश के सर्वोच्च पद पर बैठने की. सपना है और आने वाले दिनों में दूसरे क्षेत्र में कुछ बेहतर करने की.

दरअसल, प्रधानमंत्री ने रोजगार से जुड़े हुए सवाल के तहत यह बयान दिया था, जिसमें उनकी तरफ से मुद्रा बैंक से 10 करोड़ से ज्यादा युवाओं को लोन मिलने की बात भी कही थी. पीएम ने इसे रोजगार बढ़ाने वाले कदम बताया था. इसी संदर्भ में पीएम ने पकौड़ा बेचकर जीवन-यापन करने वालों का भी जिक्र कर दिया था. इसके बाद विपक्ष ने इस पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया था. अब अमित शाह ने पकौड़ा बेंचने को भीख मांगने से बेहतर बताकर यह दिखाना चाहा है कि पकौड़ा बेचना भी उसी तरह स्वाभिमान का प्रतीक है जैसा चाय बेचकर पैसा कमाना.

कांग्रेस ने पकौड़े बेचकर विरोध भी जताया है

हालाकि अमित शाह ने राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सरकार की साढ़े तीन साल की उपलब्धियों को खूब गिनाया. दावा किया कि मोदी सरकार अपने वादे के मुताबिक काम कर रही है. लेकिन, इस दौरान उनके बोलने की शुरुआत एक बार फिर से कांग्रेस पर हमले के साथ हुई.

अमित शाह ने राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान अपनी सरकार की खूबियों को गिनाने के पहले पिछली यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार का जिक्र किया. अमित शाह ने कहा कि हमें तो पिछली सरकार के वक्त के गड्ढ़े भरने में ही समय निकल गया. अबतक किए गए काम को लेकर मोदी सरकार की पीठ थपथपाने से पहले अमित शाह ने कांग्रेस सरकार की नाकामियों पर ज्यादा फोकस किया.

अमित शाह के बतौर सांसद पहले भाषण पर सबकी नजरें थी. शाह ने यहां भी विपक्ष को लेकर कुछ उसी तरह का रूख अख्तियार किया जैसा वो संसद के बाहर करते हैं.