Update- बीजेपी और उनके सभी समर्थक इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के चुनाव को अपने चुनाव समझ रहे थे. सरकार और सभी मंत्री इस चुनाव में लड़ रहे हैं. जब भी सीएम यूनिवर्सिटी गए, उन्होंने अपने लोगों को आदेश दिया कि ये चुनाव नहीं हारने चाहिए.
Update- इलाहाबाद यूनिवर्सिटी का कार्यक्रम मैंने बहुत महीनों पहले भेज दिया था. 27 दिसंबर को पहला कार्यक्रम भेजा गया था जिससे कि अगर कोई शिकायत होगी तो उसकी जानकारी मिल जाएगी.
Update- सीएम जो हमारे जाने से हिंसा की बात कह रहे हैं. इनके अधिकारी सबसे ज्यादा हिंसा कर रहे हैं. एक भी मेरी लगाई हुई धाराएं नहीं हैं. हिंसा करने वाला ही मुख्यमंत्री बन गया. ये हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती है.
Update- अधिकारी को ये ही नहीं पता था कि वो क्यों रोकना चाहता है. इनके दिमाग की गंदगी तो कहीं न कहीं निकलेगी. क्या कारण है कि एसपी-बीएसपी के गठबंधन को आपने छछुंदर मान लिया.
Update- घबराई हुई सरकार है ये यूपी की. नौजवान इंतजार कर रहा है कि उसे कब मौका मिलेगा. अखाड़ा परिषद की अध्यक्ष नरेंद्र गिरी जी ने भी अपने यहां भोजन रखा था. ये यूपी के सीएम कैसे साधु-संत हैं. जो दूसरे साधु-संतों से नहीं मिलने देना चाहते. उनसे क्या सीखोगे- ठोको नीति, रोको नीति.
Update- एक सरकार जो छात्रों से डर रही है. जो सरकार छात्रों से डर जाए उनके पास कुछ बचा नहीं है. नौजवानों के भविष्य से खिलवाड़ किया है इन्होंने. उन्हें मजबूर किया है कि वो बेरोजगार बने रहें. अधिकारी तो नौकरी वाले लोग हैं. जो ऊपर वाले लोग कहेंगे वो अधिकारी करते हैं.
Update- ये एक मुख्यमंत्री की तख्तियां हैं. देखिए कितनी धाराएं हैं उनके ऊपर. ये पहले सीएम हैं जिन्होंने अपने ऊपर लगी धाराएं खुद ही वापस ली हैं. ये आप चुनाव आयोग के रिकॉर्ड पर देखेंगे तो आपको यही धाराएं मिलेंगी.
Update- यूनिवर्सिटी कैंपस में राजनीतिक लोग नहीं जा सकते. यूनिवर्सिटी के एलुमनाई की बात होती है तो कहते हैं मुझे गर्व है कि लोग यहां से पढ़कर लोग पीएम और सीएम बने हैं. एक तरफ तो ये दावा करते हैं कि यूनिवर्सिटी में पढ़कर लोग यहां तक पहुंचे हैं. एक तरफ गर्व करते हैं तो दूसरी तरफ कहते हैं कि राजनेता यहां नहीं आ सकते.
Update- रात में कुछ पुलिस के अधिकारी रेकी करके गए. सुबह साढ़े छह बजे तीन अधिकारी मेरे घर के पास बैठा दिए. हालांकि एयरपोर्ट परिसर में वो नहीं जा सकते. अधिकारियों ने मुझे रोक लिया. जबकि उन्हें एयरपोर्ट में जाने की इजाजत नहीं थी.
समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ के कार्यक्रम में नहीं जाने दिया गया. इसके बाद अखिलेश यादव ने कहा कि इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों के बीच अपनी बात रखनी थी. छात्रसंघ के अध्यक्ष उदय यादव के कार्यक्रम में शामिल होना था. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी को भारत का खासकर ईस्ट का ऑक्सफोर्ड कहा जाता है. मुझे दुख है कि वहां मुझे जाने नहीं दिया गया. मैं वहां अपनी बात रखता. लेकिन सरकार की नीयत साफ नहीं रही. मैंने महीनों पहले अपना कार्यक्रम भेजा था. जब उदय यादव 27 दिसंबर को जीत कर आए थे. तब पहला कार्यक्रम भेजा था. ताकि किसी को कोई नाराजगी हो. प्रशासन को तैयारी करनी हो तो कर सके. छात्रसंघ के अध्यक्ष ने वाइस चांसलर और प्रशासन से मिलकर बात की. उसके बाद 2 फरवरी को कार्यक्रम भेजा गया.