उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को एक चुनावी रैली में मतदाताओं को बीजेपी और बीएसपी से सावधान रहने की अपील की. अखिलेश ने कहा कि ये दोनों दल चुनाव बाद के गठबंधन की भावना को व्यक्त करने के लिए एक बार फिर ‘रक्षाबंधन’ मना सकते हैं.
अखिलेश ने यहां एक चुनावी रैली में कहा कि बुआजी (मायावती) कहती हैं कि बहुमत नहीं मिलने की सूरत में वह विपक्ष में बैठना पसंद करेंगी. आप सबको सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि वे पहले भी रक्षाबंधन मना चुके हैं.
अखिलेश का साफ इशारा बीएसपी और बीजेपी की पूर्व की गठबंधन सरकार की ओर था, जब मायावती ने लालजी टंडन जैसे बीजेपी नेताओं के हाथ पर राखी बांधी थी.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने वोटरों को बीएसपी के प्रति आगाह करते हूुए कहा कि जो पार्टी धन के बदले टिकट देती है, वह भविष्य में धन के लिए कोई भी फैसला कर सकती है.
अरविंद सिंह गोप के लिए हैदरगढ़ सीट पर प्रचार मांगने आये अखिलेश ने कहा कि गोप हमेशा से उनके भरोसेमंद रहे हैं. इन चुनावों में वह उन्हें टिकट से मना नहीं कर सकते थे.
वरिष्ठ नेता बेनी प्रसाद वर्मा का जिक्र करते हुए अखिलेश ने कहा कि वरिष्ठों का सम्मान अलग बात है लेकिन ‘मैं उस व्यक्ति को कैसे टिकट से कैसे इंकार कर सकता हूं, जो हमेशा मेरे सबसे बुरे वक्त में मेरे साथ खड़ा रहा’. बेनी अपने बेटे के लिए हैदरगढ सीट से टिकट मांग रहे थे.
अखिलेश ने कहा कि उन्होंने पड़ोस की रामनगर सीट की पेशकश की थी और यह भी कहा था कि सारे संसाधन लगाने पड़ जाएं तो भी जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उनकी होगी.
उन्होंने कहा, ‘मैंने वह दिन भी देखा है जब मुझे पार्टी से बाहर निकाल दिया गया. यदि साइकिल निशान मुझसे छिन जाता तो मैं किसी कोने में बैठा होता’. कांग्रेस से गठबंधन पर मुख्यमंत्री बोले कि सांप्रदायिक शक्तियों को हराने के लिए यह गठजोड़ किया गया है. ‘दो युवाओं के बीच का यह गठबंधन देश की राजनीति बदल देगा'.