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एके एंटनी की एक रिपोर्ट ने कांग्रेस की पॉलिटिक्स सॉफ्ट हिंदुत्व की ओर मोड़ दी

एके एंटनी ने अपनी रिपोर्ट में साफ कर दिया था कि 2014 में कांग्रेस की हार के लिए कांग्रेस की हिंदू विरोध छवि को जिम्मेदार ठहराया था

FP Staff

गुजरात चुनाव के बाद हाल के विधानसभा चुनावों में भी राहुल गांधी के मंदिर दौरों ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं, लेकिन कांग्रेस में ये बदलाव अचानक नहीं आया है. इस बदलाव की नींव तो 2014 के चुनाव में हार के बाद एक कांग्रेसी नेता ने रख दी थी. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में 2014 की कांग्रेसी हार के लिए पार्टी की छवि को जिम्मेदार ठहराया था. इस नेता का नाम था एके एंटनी.

आज एके एंटनी का 78वां जन्मदिन है. एंटनी वर्तमान समय में कांग्रेस के दिग्गज नेता तो हैं ही लेकिन हालिया समय में कांग्रेस में आए बदलावों की भी एक बड़ी वजह हैं. ऐसा कहा जाता है कि 2014 के लोकसभा चुनावों में पटखनी खाने के बाद हार की समीक्षा के लिए बनाई गई कमेटी ने जो रिपोर्ट दी वो पार्टी के लिए चौंकाने वाली थी. राजनीति के जानकारों के बीच माना जाता है कि राहुल गांधी जो सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड खेल रहे हैं उसके पीछे एंटनी की रिपोर्ट का ही हाथ है.


एंटनी 2006 से 2014 के बीच देश के रक्षा मंत्री रहे हैं. इससे पहले उन्हें कांग्रेस की तरफ से तीन बार केरल का मुख्यमंत्री भी बनाया गया था. एके एंटोनी केरल राज्य में आलप्पुषा जिले के चेर्ताला में 28 दिसंबर 1940 में हुआ था. एंटनी ने अपने राजनीति की शुरुआत एम.ए जॉन के नेतृत्व में छात्रनेता के रूप में की थी. केरल छात्रसंघ में उन्होंने एक एक्टिविस्ट के तौर पर दस्तक दी और 1966 में केरल छात्रसंघ के सबसे युवा अध्यक्ष बन गए. एके एंटनी को पार्टी ने राज्य की कमान 1972 में सौंपी. उन्हें 1972 में केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया. वह ये पोस्ट संभालने वाले सबसे युवा नेता बने.

सिर्फ 37 साल की उम्र में बने मुख्यमंत्री

27 अप्रैल 1977 में एंटनी को पहली बार केरल का मुख्यमंत्री बनाया गया. तब उनकी उम्र सिर्फ 27 साल थी, वह राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले सबसे युवा मुख्यमंत्री बन गए. इसके बाद 1995 में जब केरल के तत्कालीन मुख्यमंत्री करुणाकरन ने इस्तीफा दिया तो एक बार फिर राज्य की कमान पार्टी ने ए.के एंटनी को सौंप दी.