एयरसेल-मैक्सिस मामले के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया (अब 9 एक्स मीडिया) मामले में भी दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दिल्ली हाईकोर्ट ने पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी पर तीन जुलाई तक रोक लगा दी है. वहीं बीते बुधवार को एयरसेल-मैक्सिस मामले में भी पी. चिदंबरम की गिरफ्तारी पर 5 जून तक रोक लगा दी गई थी.
बुधवार को ही आईएनएक्स मीडिया मामले में चिदंबरम को सीबीआई की ओर से समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था. पी. चिदंबरम को आशंका थी कि पूछताछ के बाद सीबीआई उन्हें गिरफ्तार कर सकती है. इसी आशंका को देखते हुए चिदंबरम की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी.
इस राहत के बावजूद पी. चिदंबरम को 5 जून से पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश होना पड़ेगा. दरअसल चिदंबरम में इस मामले में अपनी गिरफ्तारी पर रोक के लिए दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी. इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ईडी से इस पर 5 जून तक जवाब मांगा है.
एयरसेल-मैक्सिस डील मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने सुप्रीम कोर्ट में तीन अप्रैल को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी, जिसमें पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम पर गलत तरीके से डील करने का आरोप लगाया गया.
सीबीआई ने पिछले साल 15 मई को प्राथमिकी दर्ज कर आरोप लगाया था कि 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये के विदेशी फंड लेने की एफआईपीबी मंजूरी देने में कथित रूप से अनियमिताएं हुईं. उस वक्त चिदंबरम केंद्रीय मंत्री थे. सीबीआई और ईडी ने इस मामले में पी. चिदबंरम के बेटे कार्ति से भी पूछताछ की थी. हालांकि कोर्ट ने कार्ति चिदंबरम को भी गिरफ्तारी से पहले ही 10 जुलाई तक अंतरिम राहत दे रखी है.
यूपीए 1&2 में देश के पावरफुल राजनेताओं में शुमार पी. चिदंबरम अब मुश्किल में घिर गए हैं. पी. चिदंबरम को भी अब सीबीआई की गिरफ्तारी का डर सताने लगा है. पिछले साल से ही पी. चिदंबरम के परिवार पर भारतीय जांच एजेंसियों का शिकंजा कसना शुरू हो गया था. पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति के खिलाफ सीबीआई और ईडी ने कार्रवाई शुरू करते हुए एफआईआर दर्ज की थी.
सीबीआई के द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर ही कुछ महीने पहले पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम की चेन्नई से गिरफ्तारी हुई थी. कार्ति चिदंबरम फिलहाल तो जेल से बाहर हैं, लेकिन आईएनएक्स मीडिया को दी गई मंजूरी को लेकर उनके पिता पी. चिदंबरम पर अब गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है.
ऐसा कहा जा रहा है कि सीबीआई को कुछ सबूत हाथ लगे हैं, जिसके आधार पर पी. चिदंबरम से पूछताछ की जाने वाली है. सीबीआई को पता चला है कि कंपनी की तरफदारी तब की गई थी जब पी. चिदंबरम वित्त मंत्री थे.
बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कोर्ट से लगातार मांग कर रहे थे कि एयरसेल-मैक्सिस डील केस में चिदंबरम को भी सीबीआई जांच के घेरे में लाया जाए. स्वामी ने इसको लेकर अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि एयरसेल को मलेशिया की मैक्सिस कंपनी को बेचा गया था और ये डील इंडियन टेलिकॉम रूल्स के मुताबिक नहीं हुई थी.
सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया था कि यह डील टेलिकॉम सेक्टर में 74 फीसदी एफडीआई के विरुद्ध थी. चिदंबरम ने गैर कानूनी तरीके से विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को मंजूरी दी थी.
बता दें कि सीबीआई और ईडी पी. चिदंबरम की ओर से 2006 में एयरसेल-मैक्सिस करार को एफआईपीबी की मंजूरी दिए जाने की परिस्थितियों की जांच कर रहे हैं. वहीं चिदंबरम ने कई बार बयान जारी कर कहा है कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा आईएनएक्स मीडिया को मंजूरी दिए जाने में किसी भी तरह की कोई धांधली नहीं हुई है.
एफआईपीबी में शामिल पांच सचिव और अन्य अधिकारी सरकारी कर्मचारी हैं. उनके खिलाफ कोई मामला नहीं है. चिदंबरम का कहना है कि जब वह वित्त मंत्री थे तो हर मामले में नियमों के तहत कार्रवाई की गई और एफआईपीबी की अनुशंसा पर ही मंजूरी अथवा नामंजूरी दी गई. बीजेपी सरकार मेरे बेटे और उसके दोस्तों को निशाना बनाने के लिए सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है.
वहीं पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम एक दूसरे मामले में भी भारतीय जांच एजेंसियों के रडार पर हैं. पिछले साल ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कार्ति को 45 करोड़ रुपए के फेमा उल्लंघन मामले में भी नोटिस जारी किया था. आरोप था कि वह वासन हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से कथित तौर पर जुड़े हुए हैं.