view all

12 सितंबर को होगी एआईएडीएमके की बैठक, शशिकला को निकाले जाने की संभावना

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के नेतृत्व में एआईएडीएमके की एक बैठक में 12 सितंबर को पार्टी की आम सभा बुलाए जाने का निर्णय लिया गया

Bhasha

पार्टी में हाशिये पर चल रहे उपप्रमुख टीटीवी दिनाकरण के प्रति निष्ठा दिखाने वाले 21 विधायकों द्वारा जारी बगावत के बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी के नेतृत्व में एआईएडीएमके (अम्मा) की एक बैठक में 12 सितंबर को पार्टी की आम सभा बुलाए जाने का निर्णय लिया गया जिसमे जेल में बंद पार्टी की महासचिव वी के शशिकला को पद से हटाए जाने के बारे में फैसला लिया जा सकता है.

एआईएडीएमके के सूत्रों ने बताया कि बैठक में पार्टी के कुछ विधायक और सांसद नहीं शामिल हुए. बैठक में 66.6 करोड़ रुपए के आय से अधिक संपत्ति मामले में जेल जाने से पहले शशिकला द्वारा की गई नियुक्तियों की वैधता पर भी चर्चा की गई.


उन्होंने बताया कि एआईएडीएमके की आम सभा की बैठक में शशिकला को पार्टी प्रमुख के रूप में हटाए जाने पर विचार किया जाएगा.

पार्टी प्रमुख और तत्कालीन मुख्यमंत्री जयललिता के निधन के बाद पिछले वर्ष 29 दिसंबर को हुई आम सभा की एक बैठक में शशिकला को पार्टी के अंतरिम महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया था.

सूत्रों ने बताया कि पलानीस्वामी के नेतृत्व में हुई बैठक में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों, मंत्रियों, सांसदों और विधायकों ने भाग लिया और दिनाकरन के मुद्दे पर भी चर्चा की गई.

दिनाकरन को पार्टी के पदों से हटाया गया

इससे पहले शनिवार को दिनाकरन को पलानीस्वामी ने पार्टी के सलेम जिला सचिव पद से हटा दिया था और इसके अलावा कुछ अन्य मंत्रियों को भी पार्टी पदों से बर्खास्त कर दिया था.

कुछ विधायकों और सांसदों के बैठक में अनुपस्थित रहने के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने बताया कि कुछ सांसद स्थाई संसदीय समितियों के सदस्य भी हैं इसलिए अपने काम से अन्य राज्यों में हो सकते है. हालांकि उन्होंने दावा किया ज्यादातर विधायक बैठक में मौजूद थे.

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी में पैदा संकट से निपटने के वास्ते चर्चा करने के लिए बुलाई गई बैठक में कितने सांसद और विधायक शामिल हुए.

एआईएडीएमके के 234 सदस्यीय राज्य विधानसभा में 134 विधायक हैं और एक सीट खाली है.

इस समय एआईएडीएमके के 21 विधायक दिनाकरन के पक्ष में है और तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुलाकात करने और मुख्यमंत्री पर अविश्वास जताने के बाद केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में डेरा जमाए हुए है.

इस बैठक में यह प्रस्ताव भी पास किया गया कि दिनाकरन को 10 अगस्त को ही पार्टी उप महासचिव के पद से हटा दिया गया था और उन्होंने पार्टी में जो बदलाव किए हैं वह अवैध हैं.

पार्टी में मंजूर किए गए एक प्रस्ताव में कहा गया, ‘दिनाकरन को उन लोगों को पार्टी पदों से हटाने का कोई अधिकार नहीं है, जिन्हें अन्नाद्रमुक की दिवंगत प्रमुख जयललिता ने नियुक्त किया था और इस संबंध में उन्होंने जो ऐलान किए हैं पार्टी उन्हें मानने के लिए बाध्य नहीं है.'

दिनाकरन खेमे ने इन प्रस्तावों को लेकर हो हल्ला मचाते हुए कहा कि केवल पार्टी के महासचिव को ही पार्टी के नीति निर्धारक निकाय आम परिषद की बैठक बुलाने का अधिकार है. उनका दावा है कि एआईएडीएमके मुख्यालय में हुई बैठक में उन्हें नहीं बुलाया गया. बैठक में अन्य लोगों के अलावा उप मुख्यमंत्री और पार्टी के सह समन्वयक ओ पनीरसेल्वम भी मौजूद थे.

पार्टी समर्थित मीडिया पर कब्जा करने की कोशिश

इस बैठक में यह फैसला भी किया गया था कि यह सुनिश्चित करने के लिए कानूनी कदम उठाए जाएंगे कि पार्टी समर्थित मीडिया ‘नमथू डा. एमजीआर’ और ‘जया टीवी’ जयललिता का गुणगान करते रहेंगे. इसे दिनाकरन खेमे से इनका नियंत्रण लेने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.

पलानीस्वामी और दिनाकरन के बीच टकराव के बाद से दोनों मीडिया इकाइयां खुलकर शशिकला खेमे का पक्ष ले रही थीं.

एक अन्य प्रस्ताव में पार्टी और इसकी सरकार की ‘हिफाजत’ करने की प्रतिबद्धता जताई गई.

इस बीच एकीकृत एआईएडीएमके सूत्रों ने कहा कि मंत्रियों का एक समूह चुनाव आयोग के पास जाएगा और विलय से पहले पलानीस्वामी खेमे द्वारा शशिकला के पक्ष में दिए गए हलफनामे वापस लेगा. सूत्रों का कहना था कि यह समूह जल्द दिल्ली के लिए रवाना होगा.