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पहले राम फिर शिव और अब दुर्गा की शरण में पहुंचेंगे राहुल गांधी

राहुल ने केदारनाथ के दर्शन किए, कैलाश मानसरोवर की कठिन यात्रा की, चित्रकूट में भगवान राम की पूजा की और अब मां दुर्गा का पूजन करेंगे

FP Staff

पहले शिवभक्ति, फिर राम भक्ति करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अब मां दुर्गा की पूजा करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी के पश्चिम बंगाल के नेताओं के साथ हुई राहुल गांधी की हालिया बैठक में ये प्रस्ताव दिया गया. जिसे कांग्रेस अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया है. लोकसभा चुनाव से पहले राहुल बहुसंख्यक वोटरों को लुभाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी 17 अक्टूबर को कोलकाता के एक पंडाल में देवी दुर्गा के दर्शन करेंगे.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों चुनावी यात्रा के साथ-साथ धार्मिक यात्रा भी खूब कर रहे हैं. 2014 की करारी हार ने कांग्रेस को न सिर्फ सॉफ्ट हिंदुत्व की तरफ आने को मजबूर किया. बल्कि अब तो पार्टी हिंदुत्व की तरफ बढ़ती दिख रही है. राहुल गांधी को पता है कि बहुसंख्यक समुदाय के समर्थन के बिना 2019 में उनकी नैया पार नहीं लग सकती. लिहाज़ा उन्होंने इसकी तैयारी गुजरात से शुरू की. गुजरात में राहुल ने न सिर्फ दर्जनों मंदिरों का दर्शन किया,बल्कि रात में पूजा पंडालों में भी शिरकत की.


राहुल वही कर रहे हैं जो नेहरू-गांधी परिवार पहले से करता रहा है

कर्नाटक में भी राहुल का मंदिर दर्शन जारी रहा. अब राहुल गांधी शिव और राम के बाद मां दुर्गा की शरण में जाने के लिए तैयार हैं. 17 अक्टूबर को कोलकाता के एक पंडाल में राहुल विधिवत पूजा करेंगे. कांग्रेस नेता पवन खेड़ा कहते हैं, 'देखिए भगवान सबके हैं और राहुल गांधी वही कर रहे हैं जो नेहरू-गांधी परिवार पहले से करता रहा है'.

दरअसल बीजेपी के हिंदुत्व के मुकाबले कांग्रेस लगातार अल्पसंख्यक परस्त पार्टी दिख रही थी,अब राहुल पार्टी के माथे पर लगे इसी 'दाग' को धोने के लिए मंदिर-मंदिर घूम रहे हैं. गुजरात और कर्नाटक में मिली सफलता से उत्साहित राहुल अब चार राज्यों के विधानसभा चुनाव और उसके बाद होने वाले लोकसभा चुनाव भी धर्म के सहारे लड़ना चाहते हैं.

गांधी की सभी ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करने की योजना है

राहुल ने केदारनाथ के दर्शन किए, कैलाश मानसरोवर की कठिन यात्रा की, चित्रकूट में भगवान राम की पूजा की और अब मां दुर्गा का पूजन करेंगे. राहुल गांधी के धीरे-धीरे सभी ज्योतिर्लिंगों के दर्शन की भी योजना है. बीजेपी को राहुल की ये धार्मिक यात्रा रास नहीं आ रही है. बीजेपी नेता सुदेश वर्मा कहते हैं, 'भगवान का आशीर्वाद सबको मिलना चाहिए मुझे उम्मीद है कि राहुल गांधी का यह दर्शन राजनीतिक नहीं होगा.'

कांग्रेस की 2014 की ऐतिहासिक हार की समीक्षा के लिए गठित एके एंटोनी समिति ने हार की सबसे बड़ी वजह उसकी मुस्लिमपरस्त छवि को बताया था. ज़ाहिर है कि 2019 में राहुल पिछली गलती नहीं दोहराना चाहते. यही वजह है कि न सिर्फ राहुल बदल रहे हैं बल्कि पार्टी की जनसभाओं में भी पहले देशभक्ति के बजने वाले गानों की जगह अब हर-हर महादेव और बोल बम के नारे गूंज रहे हैं.

(साभार न्यूज18 के लिए अरुण सिंह की रिपोर्ट)