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नगालैंड: 54 साल में एक भी महिला उम्मीदवार नहीं जीत पाई

राज्य की सत्ता पर काबिज नगा पिपल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने किसी महिला उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है

FP Staff

पूर्वोत्तर के छोटे राज्य नगालैंड को बने 54 साल हो गए पर अब तक यहां से एक भी महिला उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाई है. 27 फरवरी को हुए असेंबली चुनाव के बाद लोगों की निगाह इस बात पर टिकी है कि क्या नगालैंड इस बार भी अपना इतिहास दोहराएगा, या कुछ नई इबारत लिखी जाएगी.

वेडी-उ क्रोनू और मंग्यापुला नेशनल पिपल्स पार्टी (एनपीपी) के टिकट पर दीमापुर व नोकसेन से चुनाव लड़ रही हैं तो तेसनसांग सदर सीट पर पर बीजेपी की रखीला चुनाव लड़ रही हैं. अवान कोन्याक अबोई सीट पर नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी के टिकट पर मैदान में हैं. चिजामी सीट पर रेखा रोज डोकरू निर्दल उम्मीदवार हैं.


राज्य की सत्ता पर काबिज नगा पिपल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने किसी महिला उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है. एनपीएफ अध्यक्ष शुरहोजली लिजित्सू ने अभी हाल में कहा था कि किसी महिला प्रत्याशी ने असेंबली चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं दिखाई.

बीजेपी उम्मीदवार रखीला पूर्व मंत्री और चार बार विधायक रहे लकिमोंग की पत्नी हैं जिनका 2006 में निधन हो गया था. वे पिछले विधानसभा चुनाव में सदर सीट पर 800 वोटों से हार गई थीं. रखीला ने कहा, सत्ता में रहने वाले पुरुष अच्छा काम नहीं करते, मैं सारे काम करके दिखाउंगी.

एनडीपीपी उम्मीदवार अवान कोन्याक चार बार विधायक रहे निवांग कोन्याक की बेटी हैं. उन्होंने कहा, समाज में महिलाओं का अच्छा योगदान है, लेकिन समस्या यह है कि उन्हें अक्सर नजरअंदाज किया जाता है. मैं महिला-पुरुष समानता और महिला सशक्तीकरण पर जोर देना चाहती हूं. कोन्याक ने कहा, नगालैंड के बने 50 साल गुजरने के बाद भी हमारे असेंबली क्षेत्र की हालत जस की तस है.