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कर्नाटक सदन में पहले ही दिन घिरीं जयमाला, मुंह ताकती रह गई कांग्रेस

पार्षदों में जयमाला पहली नेता हैं जिन्हें नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिया गया है. कर्नाटक महिला कांग्रेस की अध्यक्ष लक्ष्मी हेबलकर उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने जयमाला को कैबिनेट में शामिल करने का विरोध किया था

FP Staff

अभिनय से राजनीति में आईं 59 साल की जयमाला का मंगलवार को कर्नाटक विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष के रूप में पहला दिन था. बहस के दौरान जयमाला को बीजेपी नेताओं ने कई मुद्दों पर घेरा और सदन में कांग्रेस के नेता ताकते रह गए.

कम सियासी अनुभव और पार्टी नेताओं का समर्थन न करना जयमाला के सामने और कई चुनौतियां पैदा कर गया. सदन में पहले ही दिन कांग्रेस की आपसी फूट का बीजेपी ने खूब फायदा उठाया.


जेडीएस-कांग्रेस कैबिनेट में जयमाला को शामिल करना कई वरिष्ठ नेताओं को नागवार गुजर रहा है. यहां तक कि पार्टी के कई एमएलसी इसके खिलाफ आवाज बुलंद कर चुके हैं. कांग्रेस की पांच महिला विधायकों ने उस वक्त विरोध किया था जब जयमाला को कैबिनेट में शामिल किया गया.

कर्नाटक के जो नेता मंत्री पद पर निगार गड़ाए थे उन्होंने भी जयमाला को कैबिनेट में शामिल करने पर नाराजगी जताई थी. इन कांग्रेस नेताओं में एचएम रेवन्ना, एसआर पाटिल, वीएस उगरप्पा और सीएम इब्राहिम शामिल हैं.

पार्षदों में जयमाला पहली नेता हैं जिन्हें नेता प्रतिपक्ष का दर्जा दिया गया है. कर्नाटक महिला कांग्रेस की अध्यक्ष लक्ष्मी हेबलकर उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने जयमाला को कैबिनेट में शामिल करने का विरोध किया था.

नाराज हेबलकर ने कहा था कि पार्टी ने उनकी सेवा के बदले जयमाला की सेवा लेने का फैसला किया. इस पर जयमाला ने पलटवार करते हुए कहा था कि हेबलकर का विरोध एक महिला का दूसरी महिला से ईर्ष्या को दर्शाता है जिसने कांग्रेस को शर्मनाक स्थिति में डाल दिया.

कर्नाटक के कई स्थानीय चैनलों ने हेबलकर और जयमाला के आरोप-प्रत्यारोप को खूब प्रसारित किया. टीवी चैनलों पर कई दिनों तक डिबेट चलता रहा. लगभग 20 कांग्रेसी पार्षदों ने हाई कमान को पत्र लिखकर जयमाला की नियुक्ति पर प्रश्न उठाया है.

(न्यूज18 के लिए डीपी सतीश की रिपोर्ट)