view all

कनाडा के रक्षा मंत्री को खालिस्तान समर्थक कहना कांग्रेस की राजनीतिक साजिश: आप

कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन से मुलाकात करने से पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का इनकार ‘जैसे को तैसा’ की नीति

Bhasha

आम आदमी पार्टी ने आज आरोप लगाया कि कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन से मुलाकात करने से पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का इनकार ‘जैसे को तैसा’ की नीति के तहत कांग्रेस आलाकमान की ओर से रची गई एक ‘राजनीतिक साजिश’ का हिस्सा है.

कनाडा ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को राज्य प्रायोजित कहा था 


पंजाब में आप के मुख्य सचेतक सुखपाल सिंह खरा ने कहा, ‘जैसा कि हम जानते हैं, कनाडा की ओंटारियो विधानसभा ने हाल ही में 1984 के सिख विरोधी दंगों को सिख नरसंहार और सिखों का राज्य प्रायोजित कत्तेआम करार देने वाला एक प्रस्ताव पारित किया था.’

खरा ने कहा कि यह बात कांग्रेस आलाकमान को पूरी तरह नागवार गुजरी क्योंकि इससे पार्टी ‘असहाय स्थिति’ में आ जाती है .

आप के नेता ने कहा, ‘यह सभी को पता है कि 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली और समूचे भारत में हजारों सिखों के कत्लेआम में अपनी कुटिल भूमिका को लेकर पिछले 32 साल से भी ज्यादा समय से कांग्रेस बैकफुट पर रही है.’

1984 का दंगा लोकतंत्र पर धब्बा

कनाडा के रक्षा मंत्री हरजीत सिंह सज्जन (तस्वीर: रायटर्स)

उन्होंने कहा, ‘पिछले तीन दशकों से भी ज्यादा समय से 1984 के पीड़ितों के परिवारों को इंसाफ नहीं मिल पाना न सिर्फ भारतीय लोकतंत्र और न्यायपालिका पर एक धब्बा है, बल्कि यह नरसंहार के लिए जिम्मेदार कांग्रेस और इसके दागी नेताओं को भी लगातार परेशान करती है.’

खरा ने कहा कि सिख नरसंहार वाला प्रस्ताव पारित करने पर कनाडा सरकार से हिसाब चुकता करने की खातिर कांग्रेस आलाकमान ने अमरिंदर को ‘निर्देश’ दिया है कि वह ‘काल्पनिक आधारों’ पर सज्जन का विरोध करें और उन्हें खालिस्तानी समर्थक करार दें .

अमरिंदर और कांग्रेस कनाडा सरकार से ले रहे हैं बदला 

उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस को आशंका है कि यदि उसने खालिस्तान के मुद्दे पर भावनाएं भड़का कर सज्जन का विरोध नहीं किया तो आगामी बजट सत्र में पंजाब विधानसभा में भी ऐसा ही प्रस्ताव लाया जा सकता है, जिससे उसे ‘और शर्मिंदगी’ उठानी पड़ेगी .

आप के नेता के मुताबिक, ‘‘दूसरी बात यह है अमरिंदर इसलिए भी कनाडा से हिसाब चुकता कर रहे हैं क्योंकि उसने उन्हें अपनी सरजमीं पर राजनीतिक प्रचार करने और फंड इकट्ठा करने की अनुमति नहीं दी थी. इसलिए वह सज्जन का विरोध करने के लिए खालिस्तान का हौवा खड़ा कर रहे हैं.’