view all

दिल्लीः सरकार पहले शराब का ठेका देती है, फिर लोगों के कहने पर बंद कराती है

ठेका मालिक का कहना है कि ऐसे में सरकार को लाइसेंस देना ही नहीं चाहिए था

FP Staff

दिल्ली में पहली बार लोगों के कहने पर शराब के ठेके बंद करा दिए गए. यह फैसला किसी और ने नहीं, मुहल्लेवालों के कहने पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने लिया.

रविवार को दिल्ली के तिलकनगर में मुहल्ला सभा का आयोजन किया गया. लोगों ने शिकायत की कि यहां शराब के ठेके पर असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. इसे बंद होना चाहिए. बहुमत को देखते हुए सीएम ने तत्काल यह फैसला सुना दिया और ठेकेवाले को वहां से हट जाने को कहा गया.


केजरीवाल सरकार दिल्ली के सभी विधानसभाओं में स्वराज मॉडल को अपनाने की बात करती रही है. रविवार को उसी स्वराज का एक मॉडल तिलक नगर इलाके में देखने को मिला.

जब दुकान बंद ही करना था तो लाइसेंस क्यों दिया 

इधर ठेका मालिक का कहना है कि ऐसे में सरकार को लाइसेंस देना ही नहीं चाहिए था. पहले लाइसेंस दिया, जगह मिलने पर हमने ठेका खोला, अब सरकार उसे बंद कर रही है. ये सरासर गलत है.

मौके पर एक्साइज विभाग के मंत्री और दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे. उन्होंने सीएम के इस पहल की प्रशंसा की.

बिहार में चल रही शराबबंदी पर पहले ही देशभर में चर्चा चल रही है. नीतीश कुमार इसकी प्रशंसा कर रहे हैं, वहीं विपक्ष इसके साइड इफेक्ट्स गिना रहा है. बिहार में सरकार ने पहले गली-मोहल्ले में शराब के ठेके खोल दिए. कहा गया कि इससे सरकार को सबसे अधिक टैक्स मिलता है. इसी टैक्स से विकास के काम किए जाएंगे.

गुजरात, नागालैंड और मणिपुर में पूर्ण शराबबंदी 

हाल ये है कि शराबबंदी के बाद बिहार में शराब की कालाबजारी बढ़ गई है. इससे पहले गुजरात, नागालैंड और मणिपुर में पूर्ण शराबबंदी का ऐलान किया जा चुका है.

वहीं पिछले साल झारखंड सरकार ने लाइसेंस देने बंद कर दिए. फैसला किया कि सरकार अब खुद शराब बेचेगी. इसके बाद से पूरे राज्य में दो हजार से अधिक शराब की दुकान सरकार खुद चला रही है.

वहीं राज्यभर में महिलाओं का दल शराबबंदी का अभियान अलग चला रही है. जहां वह लाठी डंडे से शराब के ठेके तोड़ उसे बंद करवाती रही हैं.