view all

उत्तराखंड से पश्चिमी यूपी की स्वाद से भरपूर चुनावी यात्रा

चुनाव में पश्चिमी यूपी आपको खाने और विचार दोनों में एक जैसी संतुष्टि देता है.

Rakesh Bedi

देहरादून के उपनगर राजपुर के एक बाग में सुंदर दृश्यों के बीच लोग चुपचाप दोपहर का खाना खा रहे हैं. रेस्तरां में टेबल करीने से लगे हैं. यह जगह दून वैली में सबसे बेहतर है.

साथ ही यहां रस्किन बांड के ओरिजिनल दस्तखत वाली किताबें उपलब्ध हैं. बांड अपनी शानदार कविताओं के लिए जाने जाते हैं. उनका दस्तखत रूडयार्ड किपलिंग के संकलित कविताओं की किताब पर मौजूद है.


विकास की दौड़ में खोता देहरादून 

जंगल के बीच में स्थित इस रेस्तरां से, सुबह की धुंध के बाद दोपहर की धूप में हरी-भरी पहाड़ों की घुमावदार तलहटी अब साफ-साफ दिखाई दे रही है.

यह रेस्तरां हरी पत्तेदार, शांत और मध्यवर्ती घाटियों वाले पुराने दून की याद दिलाता है, जिसका बांड ने अपनी पहले की किताबों में सुंदर चित्रण किया है.

राजपुर से शहर की ओर जाते हुए राजपुर रोड के दोनों ओर पूंजीवादी चमक-दमक दिखाई देती है. राजपुर रोड के दोनों ओर बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल, चमकीली लाइट्स और भड़कीले रेस्तरां देखने को मिलते हैं.

विकास की अंधी दौड़ में देहरादून का मूल रूप अब खो रहा है. अब जंगलों के बीच में बने रेस्तरां में ही इस शहर के इतिहास को याद किया और सराहा जा सकता है.

तुलाराम के गुलाब जामुन 

भारत के पिछड़े इलाके के सड़कों पर की गई यात्रा में झेली गई मुश्किलें आपकी अचानक एक खोज से काफूर हो जाती हैं. हरिद्वार और मुरादाबाद के बीच नगीना में स्थित तुलाराम सचमुच में एक नगीना है.

सभी ने इस इलाके के गुलाब जामुनों की प्रशंसा सुन रखी है. लेकिन तुलाराम के भूरे, मुलायम और पिंग-पोंग बॉल के आकर के गुलाब जामुनों की बात ही निराली है.

यह भारतीय मिठाइयों की गुणवत्ता को फिर से परिभाषित करता है. यह न सिर्फ आपके मुंह में आसानी से घुल जाता है बल्कि इसका दिव्य स्वाद मुरादाबाद तक आपको महसूस होता रहेगा.

भारतीय चुनावों का कवरेज किसी को भी थका सकता है लेकिन इस तरह की अलौकिक अनुभूति आपके अनुभव काफी बढ़ाती भी है. नगीना आपको उर्दू लहजे वाले पुराने बॉलीवुड गीतों के दौर में ले जाता है लेकिन इस नगीने की कीमत कई मधुर गीतों से अधिक है.

पश्चिमी यूपी का मुगलई स्वाद 

दिल्ली जैसे शहर में रहते हुए अगर आप यह सोचते हैं कि 'करीम' रेस्तरां मुगलई खाने में सबसे बेहतर है तो आप मुगालते में हैं.

सबसे बढ़िया मुगलई खाना अमरोहा, रामपुर और मुरादाबाद जैसे धूल भरे, छोटे और बदबूदार शहरों में मिलता है. यहां के व्यंजन इतने स्वादिष्ट हैं कि आपका पेट और जीभ इसका हर निवाला कई दिनों तक याद करेगा.

अगर आप खाने के शौकीन हैं और इस इलाके में आपके मुसलमान दोस्तों की मेहरबानी हुई तो आपको तीतर का बेहतरीन मांस खाने को मिल सकता है.

आपको यहां अलग-अलग प्रकार के बिरयानी खाने को मिलेंगे और हरेक का स्वाद एक-दूसरे से बढ़कर है.

तेल-मसाले से भरपूर व्यंजनों को पहली नजर में देखकर आपको मोटापा, कोलेस्ट्राल और पेट खराब होने का अंदेशा हो सकता है. लेकिन जैसे ही शोरबे में आप अपनी रोटी डूबाकर चबाना शुरू करेंगे आपका यह डर दूर हो जाएगा.

एक बेहतरीन मेवा मलाई चिकेन आपको जन्नत की सैर कराने की ताकत रखता है और एक बढ़िया मटन कोरमा सालों न सही महीनों तो याद रहेगा ही.

अगर इन तंग, गंदे और सुस्त शहरों की गलियों में आपके भाग्य ने साथ दिया तो आपको रातभर गन्ने के रस में पकाया हुआ खीर खाने को मिल सकता है. यह यहां का सबसे बेहतरीन व्यंजन है.

चुनाव में पश्चिमी यूपी आपको खाने और विचार दोनों में एक जैसी संतुष्टि देता है.