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माओवादी अस्थिरता पैदा कर सरकार को गिराने की साजिश रच रहे थे एक्टिविस्ट

गिरफ्तार एक्टिविस्टों के बीच हुए एक पत्र के आदान-प्रदान में राजीव गांधी जैसी घटना की योजना का जिक्र भी किया गया था

FP Staff

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में गिरफ्तार आरोपियों के बारे में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. पुणे पुलिस के हाथ कुछ ऐसे दस्तावेज लगे हैं, जिससे पता चलता है कि छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के नक्सल प्रभावित इलाकों में बड़े पैमाने पर फंडिंग की गई. साथ ही सुरक्षाबलों पर हमले के लिए ठिकानों को चिह्नित करने का भी खुलासा हुआ है.

पुणे पुलिस ने सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, अरुण फरेरा, वेरनॉन गोंजाल्विस और पी वरवर राव को भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा के लिए मंगलवार को गिरफ्तार किया था. देशभर में एक साथ हुई इस छापेमार कार्रवाई के दौरान पुलिस के हाथ कुछ अहम दस्तावेज लगे हैं.


न्यूज18 के पास मौजूद इन दस्तावेज से पता चलता है कि माओवादी अस्थिरता पैदा कर सरकार को गिराने की साजिश रच रहे थे. गिरफ्तार एक्टिविस्टों के बीच हुए एक पत्र के आदान-प्रदान में राजीव गांधी जैसी घटना की योजना का जिक्र किया गया था.

न्यूज18 के पास सुरेंद्र गडलिंग का वह खत मौजूद हैं, जो उन्होंने वरवर राव को लिखा था, 'मैंने कामरेड साईबाबा के केस में संगठन को दिए आश्वासन को पूरा करने का प्रयास किया, लेकिन ज्यूडिशियरी के दुश्मनों से हाथ मिलाने की वजह से हमें कामयाबी नहीं मिली. आपको बताना चाहता हूं कि नोटबंदी के बाद जगह-जगह दुश्मनों द्वारा सड़क और रेलमार्ग पर की जा रही चेकिंग की वजह से हम गढ़चिरौली और छत्तीसगढ़ के कामरेडों कम समय पर फंड उपलब्ध नहीं करा पाएं. अभी पिछले सात-आठ दिनों से मैंने उन्हें फंडिंग भेजना शुरू कर दिया है.'

गडलिंग के खत में आगे लिखा गया है,

साईबाबा केस में हुए निर्णय के बाद हुई क्षति को कंट्रोल करने के लिए गढ़चिरौली तथा बस्तर में भेजे फडिंग के साथ ही आपका संदेश फिर से भेजा गया है उसका प्रभाव देखने को मिल रहा है. बस्तर में हुए जबरदस्त हमले से देशभर में हमारी ताकत का सबूत दिया है. इन घटनाओं से केंद्र सरकार तक हिल गई है. कुछ कॉमरेड्स के द्वारा मिली जानकारी के मुताबिक उसुर, पामेद, एमलागुण्डा, पालाचलमा, भेजी, केरलापाल, इन जगह दुश्मन फोर्स का डिप्लायमेंट कम है जिससे हमें एम्बुश लगाने में आसानी हो सकती है.

इस पत्र में साईबाबा केस में तैयारी का जिक्र करते हुए दावा किया गया है कि एक बड़े वकील से बात हो गई है. जल्दी ही हमें सफलता मिलेगी और हम अपने कामरेडों को जेल से बाहर निकलवाने में सफल होंगे.

(न्यूज 18 के लिए  विनया देशपांडे का लेख)