पश्चिम बंगाल के बारासात में पिछले हफ्ते बीजेपी के बुलाए 12 घंटे के बंद के दौरान एक महिला कार्यकर्ता के साथ मारपीट और बदसलूकी का मामला सामने आया है. इस घटना के 5 दिन बीत जाने के बाद पीड़ित महिला कार्यकर्ता ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. 48 वर्षीय नीलिमा डे सरकार नाम की इस महिला को स्थानीय नील रतन सरकार अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है.
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार, महिला के पति प्रसाद चंद्र डे सरकार ने कहा, 'जब मेरी पत्नी पर हमला हुआ तब वहां पुलिस मौजूद थी. उसे लाठी-डंडों से पीटा गया जिससे उसके चेहरे, हाथ, पांव और सिर पर गहरी चोट आई. इस दौरान कोई भी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया. हम जानते थे कि पुलिस इस मामले में कुछ नहीं करेगी इसलिए हम कोर्ट गए.' बीजेपी सूत्रों के अनुसार नीलिमा डे सरकार ने पंचायत चुनावों से कुछ दिन पहले ही पार्टी जॉइन की थी. वो बारासात में पार्टी की सक्रिय कार्यकर्ता हैं.
यह घटना 26 सितंबर को बारासात के टाकी रोड रेलवे लेवल क्रॉसिंग के पास हुई थी. सूत्रों के अनुसार, बीजेपी के कुछ स्थानीय नेता यहां रैली निकालने के लिए जमा हुए थे. पुलिस ने उन्हें यहां से यह कहते हुए जाने को कहा था कि इसकी उन्हें अनुमति नहीं है.
पीड़ित महिला के पति ने कहा, 'हम यहां खड़े थे जब अचानक तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) कार्यकर्ताओं ने हमपर धावा बोल दिया. उन्होंने मेरी पत्नी पर हमला किया. उस वक्त यहां मौजूद बीजेपी के एक अन्य नेता प्रसेनजीत भट्टाचार्य के साथ भी मारपीट की गई. यह सब पुलिस की मौजूदगी में होता रहा.' इस बीच बीजेपी इस घटना की महिला आयोग में शिकायत करने का मन बना रही है. पार्टी ने इस घटना के बारे में अपने टॉप लीडरशिप को भी अवगत कराया है.
बता दें कि उत्तरी दिनाजपुर जिले के इस्लामपुर के दारीभीत गांव में आईटीआई के छात्र राजेश सरकार और तृतीय वर्ष के कॉलेज छात्र तपस बर्मन की पुलिस फायरिंग में हुई मौत के विरोध में बीजेपी ने 26 सितंबर को 12 घंटे का बंगाल बंद बुलाया था.