इलाहाबाद और कलकत्ता हाईकोर्ट में 24 नए जजों की नियुक्ति की गई है. इस कदम से लाखों लंबित मामलों से निपटने से जूझ रही न्यायपालिका को मदद मिलेगी.
कानून मंत्रालय ने मंगलवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट में 19 जबकि कलकत्ता हाईकोर्ट में पांच अतिरिक्त जजों की नियुक्ति की अधिसूचनाएं जारी कीं.
अतिरिक्त जजों का आम तौर पर दो साल का कार्यकाल होता है. उनके प्रदर्शन के आधार पर उन्हें स्थायी जज के तौर पर प्रमोशन दिया जाता है.
28 अगस्त को जस्टिस दीपक मिश्रा द्वारा चीफ जस्टिस के रूप में पदभार संभालने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में यह पहली नई नियुक्ति है. बीते 1 सितंबर तक इलाहाबाद हाईकोर्ट में 91 जज थे जबकि इसमें मंजूर पदों की संख्या 160 है, यानी अब भी 69 जजों की कमी है.
कलकत्ता हाईकोर्ट में मंजूर पदों की संख्या 72 है मगर इसमें केवल 31 जज ही कार्य कर रहे हैं और 41 की कमी है.
मंगलवार को हुई नई नियुक्तियों के अलावा, नए जजों की नियुक्ति और अतिरिक्त जजों के प्रमोशन पर 13 हाईकोर्ट की 61 से अधिक सिफारिशों को सुप्रीम कोर्ट के कालेजियम की अंतिम मंजूरी का इंतजार है.
जिन 8 हाईकोर्ट ने नई नियुक्ति के लिए नाम भेजे हैं उनमें झारखंड, कर्नाटक, मद्रास, गुजरात और बॉम्बे हाईकोर्ट के नाम शामिल हैं.