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2019 लोकसभा चुनाव: बीजेपी की रणनीति पर चलते हुए 2019 का चुनावी सफर तय करेगी कांग्रेस

चूंकि बीजेपी हमेशा से बूथ प्रबंधन पर जोर देती रही है, कांग्रेस भी इस फॉर्मूले का पालन करेगी. पार्टी के सूत्रों ने कहा है कि वे बूथ प्रभारियों के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं की एक टीम बनाने की प्रक्रिया में हैं

FP Staff

तीन राज्यों में कांग्रेस पार्टी को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद अब पार्टी 2019 के आम चुनाव के लिए सभी 543 लोकसभा क्षेत्रों में जाति के आधार पर प्रभावशाली नेताओं को उतारने की तैयारी में है. बीजेपी की जमीनी वोटरों से डायरेक्ट कनेक्टिविटी जैसी रणनीति को टक्कर देने के लिए पार्टी बहु-आयामी दृष्टिकोण अपना रही है. वहीं अपने संगठनों को पुनर्जीवित करने का काम रही है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने फ़र्स्टपोस्ट को बताया कि जनवरी के पहले हफ्ते में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए ड्राफ्ट एक्शन प्लान सहित कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की.

बैठक में नेताओं ने आगामी चुनाव में प्रचार प्रसार के लिए जाति के आधार पर नेताओं, वकीलों, डॉक्टरों, शिक्षाविदों, ट्रेड यूनियनों, रोटरी, व्यापारिक संघों और व्यक्तिगत पेशों से जुड़े प्रभावशाली लोगों की पहचान करने के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दी. प्रस्ताव के अनुसार इन सभी प्रभावशाली लोगों को पार्टी आगामी चुनाव प्रचार के लिए तैयार करना चाहती है. पार्टी 3 मार्च को एक राष्ट्रीय अधिवेशन भी आयोजित करने की योजना बना रही है. अधिवेशन में चुने गए सामुदायिक नेताओं को राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया जाएगा. इसके अलावा, पार्टी ने फैसला किया है कि प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में चुने गए कुछ प्रमुख सामुदायिक नेताओं को लोकसभा चुनाव में उतरने वाले कांग्रेस उम्मीदवार के साथ जोड़ा जाएगा.


बीजेपी के पद चिन्हों पर चलेगी कांग्रेस

कांग्रेस बीजेपी की पद चिन्हों का पालन करते हुए 2019 की योजना तैयार करेगी. वहीं पार्टी के सभी विभाग और फ्रंटल संगठन राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर होने वाली गतिविधियां और अपेक्षित परिणामों का खाका तैयार करेंगे. कांग्रेस नेता ने कहा है कि पार्टी के पास 2019 लोकसभा चुनावों के लिए महासचिवों, राज्य प्रभारियों की देखरेख में एक एकीकृत कैंपेन प्लान होगा, ताकि सभी विभाग और फ्रंटल संगठन मिलजुलकर काम कर सकें. हमने राज्य के नेताओं को कांग्रेस अध्यक्ष की रैलियों के लिए एक स्पष्ट एजेंडा तैयार करने के लिए भी कहा है. इसमें रैली में शामिल होने वाली जनता के मद्देनजर सारे उद्देश्य निर्धारित किए जाएंगे. ये रणनीति प्रत्येक कार्यक्रम को सही ढंग से  सुनिश्चित करने और हमें लाभ पहुंचाने में मदद करेगी.

चूंकि बीजेपी हमेशा से बूथ प्रबंधन पर जोर देती रही है, कांग्रेस भी इस फॉर्मूले का पालन करेगी. पार्टी के सूत्रों ने कहा है कि वे बूथ प्रभारियों के लिए समर्पित कार्यकर्ताओं की एक टीम बनाने की प्रक्रिया में हैं. इन बूथ प्रभारियों की राज्य स्तर के लोगों से लगातार बातचीत जारी रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही एक स्पष्ट आह्वान करते हुए  'बूथ जीतो और चुनाव जीतो' का नारा दिया था. बीजेपी इसी संकल्प के साथ लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई है. ऐसे में कांग्रेस भी इसी रणनीति का पालन करने जा रही है. बूथ प्रभारी मतदाता सूची और आचार संहिता में विसंगति जैसे मुद्दे उठा सकें, इसके लिए पार्टी प्रभारियों को चुनाव से जुड़े कानूनों का प्रशिक्षण भी करवाएगी.

पार्टी में मौजूद सूत्रों के मुताबिक, पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की मंजूरी के साथ 25 जनवरी तक कांग्रेस के विभिन्न विभागों और फ्रंटल संगठनों में सभी लंबित नियुक्तियों को पूरा कर लिया जाएगा. वहीं फरवरी के मध्य तक केंद्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर के बीच समन्वय पूरे जोरों से शुरू हो जाएगा.

इस महीने के अंत तक पार्टी के सभी विंग प्रमुख स्टेक होल्डर्स और इंटरेस्ट ग्रुप्स के साथ बातचीत पूरी करके अपनी रिपोर्ट मेनीफेस्टो कमेटी को सौंप देंगे जिसके अध्यक्ष पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम हैं. सूत्रों ने कहा है कि विशेष चुनावी वादों को अंतिम रूप देने के लिए हित समूहों के साथ कम से कम 3 सप्ताह का लंबा परामर्श किया जाएगा. ये सारे वादें पार्टी के साल 2019 के घोषणापत्र में शामिल किए जाएंगे.

( यतीश यादव की स्टोरी से इनपुट्स के साथ.)